नई दिल्लीः #MeToo कैंपेन के तहत यौन शोषण के आरोपों से घिरे विदेश राज्यमंत्री एमजे अकबर ने पद से इस्तीफा दे दिया है. पत्रकार प्रिया रमानी समेत करीब 20 महिलाओं ने एमजे अकबर पर यौन शोषण के आरोप लगाए हैं. विपक्षी पार्टियां मोदी सरकार के ऊपर एमजे इस्तीफा लिए जाने का दबाव कर रही थी.
एमजे अकबर ने अपने इस्तीफे में लिखा है कि 'मैं मंत्री पद से इस्तीफा दे रहा हूं, मैं अपने खिलाफ लगाए गए झूठे आरोपों को निजी हैसियत से चुनौती दूंगा. इसलिए मैंने विदेश राज्यमंत्री के पद से इस्तीफा देने का फैसला लिया है. मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और विदेश मंत्री सुषमा स्वराज का आभारी हूं जिन्होंने मुझे देश की सेवा करने का मौका दिया.'
इससे पहले केंद्रीय विदेश राज्यमंत्री एमजे अकबर ने सबसे पहले यौन शोषण का आरोप लगाने वाली महिला पत्रकार प्रिया रमानी के खिलाफ कोर्ट का रास्ता अपनाया है और उनके खिलाफ मानहानि का केस दायर किया है. इस मामले में कल दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट में सुनवाई होगी. वहीं दूसरी तरफ रमानी को ‘द एशियन एज’ में काम कर चुकीं 19 महिला पत्रकार सहकर्मियों का साथ मिला है.
इसके बाद पत्रकार प्रिया रमानी जिन्होंने सबसे पहले एमजे अकबर पर आरोप लगाए थे उनकी पहली प्रतिक्रिया सामने आ गई है. उन्होंने कहा है कि अकबर के इस्तीफे से हमारे आरोप सही साबित हुए हैं और हमें उस दिन का इंतजार है जिस दिन हमें कोर्ट से न्याय मिलेगा.
महिला आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने एमजे अकबर के इस्तीफे का स्वागत किया है और महिलाओं को और हिम्मत रखने के लिए कहा है.