मध्य प्रदेश के इंदौर के राजा रघुवंशी हत्याकांड में लोअर कोर्ट से आरोपी पत्नी सोनम रघुवंशी को बड़ा झटका लगा है. उसकी जमानत याचिका खारिज हो गई है. इसी बीच ABP न्यूज़ के हाथ पुलिस की एक्सक्लूसिव चार्जशीट लगी है जिसमें सामने आई तस्वीरें और सबूत सोनम की साजिश और पूर्व नियोजित हत्या की गवाही देते हैं. चार्जशीट के मुताबिक यह कत्ल अचानक नहीं बल्कि शादी के कुछ ही दिनों बाद रची गई एक सोची समझी साजिश का नतीजा था.
गुमशुदगी से हत्या तक की शुरुआत
चार्जशीट के मुताबिक शिकायतकर्ता विपिन रघुवंशी, जो मृतक राजा रघुवंशी के बड़े भाई हैं, उन्होंने 24 मई 2025 को राजा और सोनम की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई. उन्होंने पुलिस को बताया कि राजा और सोनम 21 मई 2025 को हनीमून के लिए शिलॉन्ग पहुंचे थे और बालाजी गेस्ट हाउस में ठहरे थे. 22 मई को दोनों ने केटिंग रोड, शिलॉन्ग से स्कूटी किराए पर ली और सोहरा (चेरापूंजी) घूमने निकल गए. उसी दिन दोनों ने परिवार को बताया कि वे नॉन्गरियात गांव में डबल डेकर रूट ब्रिज ट्रैकिंग के लिए भी जा रहे हैं और रात वहीं एक होमस्टे में रुकेंगे.
आखिरी कॉल और फिर सन्नाटा
राजा रघुवंशी की परिवार से 23 मई दोपहर 1:13 बजे आखिरी बार बात हुई. कॉल में कहा गया कि कॉफी पसंद नहीं आई, इसलिए फेंक दी. इसके बाद दोनों के सभी चार मोबाइल नंबर बंद हो गए.
लावारिस स्कूटी से खुला पहला राज
24 मई की रात 8:30 बजे, सोहरा पुलिस को सूचना मिली कि सोहरा रिम इलाके में एक स्कूटी बिना मालिक के खड़ी है. पुलिस की टीम मौके पर पहुंची और रात 9:30 बजे टीम ने नीले रंग की यामाहा सिग्नस रे ZR स्कूटी था उसे बरामद किया जिसकी चाबी और हेलमेट वहीं पड़े थे. जांच में सामने आया कि ये स्कूटी सागरसेन समल, केटिंग रोड, शिलॉन्ग के नाम पर रजिस्टर्ड है. पुलिस ने स्कूटी के मालिक से संपर्क किया जिससे पता चला कि वो टू-व्हीलर रेंटल का काम करते हैं और 22 मई 2025 को उन्होंने ये स्कूटी राजा रघुवंशी को चार दिन 22 से 25 मई के लिए किराए पर दी थी...उन्होंने ये भी बताया कि जब उन्होंने राजा के नंबर पर संपर्क करने की कोशिश की तो दोनों फोन बंद मिले. इसके बाद 25 मई 2025 की शाम करीब 7 बजे, गोविंद रघुवंशी जो सोनम रघुवंशी के भाई है उन्होंने पुलिस को फोन किया और बताया कि राजा रघुवंशी और उनकी पत्नी सोनम रघुवंशी दोनों 22 मई को सोहरा घूमने गए थे और उनसे दो दिन से संपर्क नहीं हो पा रहा है. इसके बाद पुलिस ने उन्हें बताया कि राजा की ली हुई स्कूटी सोहरा रिम में मिली है. परिवार ने राजा और सोनम की तस्वीरें पुलिस को व्हाट्सएप के ज़रिए भेजी. और पुलिस ने वो तस्वीरें सभी होमस्टे, होटल और रिसॉर्ट्स में भेजी साथ ही गांवों के मुखियाओं और शिलॉन्ग कंट्रोल रूम को भी साझा की.
CCTV नहीं लेकिन GPS बना अहम कड़ी
जहां स्कूटी मिली, वहां कोई CCTV कैमरा नहीं था. इस वजह से ये पता नहीं चल सका कि स्कूटी किसने और कब छोड़ी. पुलिस को जांच में पता चला कि राजा और सोनम 21 मई की रात बालाजी लॉज में ठहरे थे वहाँ के CCTV फुटेज में दोनो साफ नजर आ रहे है. अब जांच में ये साफ हो चुका था कि राजा और सोनम दोनों 23 मई से लापता है. 26 मई 2025 को राजा के बड़े भाई विपिन रघुवंशी और सोनम के बड़े भाई गोविंद रघुवंशी, दोनों सोहरा रिम पहुंचे, जहाँ सर्च चल रहा था. हालांकि, स्कूटी में लगे GPS डिवाइस से यह साफ हुआ कि स्कूटी Wei Sawdong और Laitduh होते हुए सोहरा रिम तक गई थी. इसके बाद शिपारा होमस्टे के मालिक कॉन्स्टैंटाइन रिंग्या से पूछताछ की गई. उन्होंने बताया कि राजा और सोनम 22 मई की शाम को ‘भा’ नाम के एक स्थानीय गाइड के साथ आए, रात रुके और 23 मई की सुबह 5:30 से 6 बजे के बीच चेकआउट किया और यह भी बताया कि हमें अब रास्ता पता है, गाइड की ज़रूरत नहीं है .
तलाश, बारिश और ड्रोन सर्च
राजा और सोनम की तलाश जारी थी. जांच की जा रही थी. पुलिस की टीम पार्किंग एरिया पहुँची. वहाँ पार्किंग अटेंडेंट ने बताया कि 22 मई को राजा और सोनम स्कूटी पर आए थे. पार्किंग के 30 रुपये दिए, और फिर ट्रैकिंग के लिए नॉन्गरियात डबल डेकर ब्रिज चले गए. उनकी स्कूटी रातभर पार्किंग में रही. अगले दिन यानी 23 मई को कब लौटे, ये नहीं बता सका. इसके बाद टूर गाइड भाकुपर वानसाई ने बताया कि उसने 22 मई को राजा-सोनम को नॉन्गरियात तक गाइड किया. लेकिन लौटते समय वे बोले कि अब रास्ता पता है. तो वही दूसरे गाइड अल्बर्ट ने बताया कि 23 मई को उसने दोनों को तीन अंजान लड़कों के साथ ट्रैकिंग करते हुए देखा था, जो हिंदी में बात कर रहे थे. 26 मई को राजा और सोनम की गुमशुदगी की एफआईआर दर्ज की गई. और उन्हें तलाशने के लिए सभी टीमें लगा दी गई. चार्जशीट के मुताबिक लगातार बारिश और कठिन इलाक़े की वजह से सर्च ऑपरेशन को रोकना पड़ा. फिर 2 जून 2025 को मौसम थोड़ा साफ हुआ तो ड्रोन से इलाके की एरियल सर्चिंग शुरू की गई. सुबह 11:47 बजे, ड्रोन कैमरे में अरालियांग रियात (Wei Sawdong पार्किंग एरिया के करीब) की गहरी खाई में एक शव दिखाई दिया. जगह बहुत खतरनाक और गहरी खाई थीpइसलिए शव को निकालने में बड़ी मुश्किल हुई. दोपहर 2:31 बजे शव को स्ट्रेचर पर बाँधकर रस्सियों से ऊपर खींचा गया और Wei Sawdong पार्किंग एरिया तक लाया गया.
पोस्टमार्टम रिपोर्ट में साफ हुआ
शव काफी सड़ा-गला और पहचान से बाहर था. मैजिस्ट्रेट की मौजूदगी में 2 जून 2025 को दोपहर 3:30 बजे शव का पोस्टमॉर्टम किया गया. शव पूरी तरह से सड़ चुका था. मौके पर राजा रघुवंशी के भाई और सोनम रघुवंशी के भाई दोनों मौजूद थे. मृतक के भाई विपिन रघुवंशी ने बताया कि राजा के हाथ पर RAJA नाम का टैटू बना है. जैकेट फाड़कर देखने पर टैटू मिला जिससे शव की पहचान राजा रघुवंशी के रूप में पक्की हुई. इसके बाद पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए शिलॉन्ग भेज दिया. पोस्टमार्टम रिपोर्ट में साफ हुआ कि मौत सिर में गंभीर चोट लगने से हुई जिससे खोपड़ी की हड्डी टूट गई.
ये चोट तेज धार वाले भारी हथियार से लगी, जो पूर्व-नियोजित हत्या को दर्शाता है. पोस्टमॉर्टम पूरा होने के बाद शव को भाई विपिन रघुवंशी को सौंपा गया, जो उसे इंदौर अंतिम संस्कार के लिए ले गए. राजा का शव मिल चुका था लेकिन सोनम का अभी कोई अता पता नही था. पुलिस ने सोनम की तलाश जारी रखी. लेकिन सोनम रघुवंशी का कोई सुराग नहीं मिला. 3 जून से दोबारा बड़ा सर्च ऑपरेशन शुरू हुआ. जहां राजा का शव बरामद हुआ था वही पर सोनम की भी तलाश शुरू की गई. 3 जून दोपहर करीब 1 बजे पुलिस को खाई से 30 मीटर नीचे एक तेज धार हथियार बरामद हुआ जिसे लोकल भाषा में दाओ कहा जाता है. इसके अलावा, एक टूटा हुआ Vivo मोबाइल फोन और दो Jio सिम कार्ड भी बरामद हुए जो मृतक राजा के पास से गायब थे.
CCTV फुटेज ने बदल दी पूरी जांच
राजा रघुवंशी की लाश मिलने के बाद पुलिस ने सोहरा से शिलॉन्ग तक के रास्ते पर लगे सभी CCTV कैमरों की फुटेज खंगालनी शुरू की उसी दौरान पुलिस को इस केस में पहला बड़ा सबूत मिला. पहली CCTV फुटेज लाड मावलांग से मिली. जांच के दौरान लाड मावलांग, सोहरा स्थित एक घर में लगे CCTV कैमरे में 23 मई 2025 की दोपहर 2:57:33 बजे की फुटेज में दो स्कूटी और चार लोग दिखे. एक लाल-काली स्कूटी पर एक महिला और एक पुरुष और दूसरी काली स्कूटी पर दो पुरुष थे. करीब से देखने पर पाया गया कि महिला वही है जो राजा के साथ होटल मन्हा रेस्टोरेंट में देखी गई थी यानि सोनम रघुवंशी. वो वही सफेद टॉप, काली पैंट, ब्लैक-व्हाइट जूते और स्लिंग बैग पहने थी जो पहले CCTV में दिख रहे थे. इससे साफ हो गया कि राजा की हत्या के बाद सोनम उन्हीं तीन लड़कों के साथ है और हत्या में शामिल हो सकती है. राजा और सोनम की स्कूटी में GPS डिवाइस लगा था. उसका डेटा पुलिस ने ट्रेस किया.
हत्या की जगह: Wei Sawdong Parking Area
GPS और CCTV डेटा से यह साफ हुआ कि Wei Sawdong Parking Area ही हत्या की जगह थी. चार्जशीट के मुताबिक, सोनम रघुवंशी, विशाल सिंह चौहान, आकाश राजपूत और आनंद कुर्मी चारों वहां मौजूद थे. तीनों आरोपियों ने दाओ (तेज धार वाला हथियार) से राजा पर कई वार किए और फिर उसे करीब 300 फीट गहरी खाई में फेंक दिया. चार्जशीट में यह भी लिखा है कि सोनम मौके पर मौजूद थी, उसने किसी को रोका नहीं, बल्कि फोन पर अपने प्रेमी राज सिंह कुशवाहा से बात करती रही. उसके बाद सभी आरोपी दो-दो स्कूटियों पर बैठकर Sohra Rim की तरफ निकल गए. GPS, CCTV और होटल रजिस्टर तीनों से ये पुष्टि हुई कि ये तीनों उसी वक्त और उसी जगह पर मौजूद थे. जहाँ राजा की हत्या हुई.
हत्या के बाद फरारी की पूरी स्क्रिप्ट
हत्या के बाद सोनम राजा की स्कूटी खुद चलाती हुई निकली. रास्ते में उसने अपने कपड़े बदले, पहचान छुपाने की कोशिश की और आरोपियों को पैसे दिए. इसके बाद सभी आरोपी शिलॉन्ग लौटे और अलग-अलग रास्तों से फरार हो गए.
प्रेम संबंध बना हत्या की वजह
कॉल डिटेल रिकॉर्ड (CDR) और मोबाइल डेटा से सामने आया कि सोनम और राज सिंह कुशवाहा के बीच लंबे समय से प्रेम संबंध थे. जांच में यह भी सामने आया कि हत्या की पूरी योजना शादी से पहले ही तैयार हो चुकी थी और सोनम ने हनीमून के बहाने राजा को नॉर्थ ईस्ट बुलाया. फोन कॉल डिटेल (CDR) एनालिसिस में खुलासा हुआ कि 20 मई के बाद कॉल रुक गई लेकिन पुलिस के मुताबिक वे एक दूसरे नम्बर से संपर्क में थे और हत्या की पूरी प्लानिंग पहले से हो चुकी थी. जांच से ये पूरी तरह साबित हो गया कि राजा रघुवंशी की हत्या उसकी पत्नी सोनम रघुवंशी ने अपने प्रेमी राज सिंह कुशवाह और तीन दोस्तों विशाल सिंह चौहान, आकाश सिंह राजपूत और आनंद कुर्मी के साथ मिलकर की थी. पुलिस को ये भी विश्वास हो गया कि सोनम रघुवंशी जिंदा है और हत्या के बाद मध्य प्रदेश या उत्तर प्रदेश में छिपी हुई है.
गिरफ्तारियां और कबूलनामा
5 जून 2025: राज सिंह कुशवाहा, इंदौर से गिरफ्तार6 जून: विशाल सिंह चौहान, इंदौर से गिरफ्तार7 जून: आकाश राजपूत, ललितपुर (UP) से गिरफ्तार8 जून: सोनम रघुवंशी, गाजीपुर (UP) से गिरफ्तार
जब बाकी आरोपियों की गिरफ्तारी की खबर जंगल की आग की तरह फैली...तो सोनम रघुवंशी को डर लगने लगा कि अब पुलिस उसके भी पीछे पहुंच जाएगी. ये सुनकर वह घबरा गई और समझ नहीं पा रही थी कि अब क्या करे. वो उत्तर प्रदेश के गाजीपुर पहुंची वहां एक ढाबे पर गाड़ी से उतरी और वहीं के फोन से अपने भाई गोविंद सिंह को कॉल किया. उसी समय नंदगंज थाना, गाजीपुर पुलिस ने उसे हिरासत में ले लिया. बाद में मेघालय पुलिस की टीम वहां पहुंची और सोनम रघुवंशी को राजा रघुवंशी हत्या केस में औपचारिक रूप से गिरफ्तार कर लिया गया. सभी आरोपियों को शिलॉन्ग लाया गया और वहां पूछताछ व बयान दर्ज किए गए. सभी आरोपियों ने जुर्म कबूल किया और बताया कि राजा की हत्या सोनम की प्लानिंग थी. उसने हनीमून के बहाने उसे मेघालय बुलाया था ताकि साजिश पूरी की जा सके. इसके बाद पुलिस ने क्राइम सीन रिकंस्ट्रक्शन भी करवाया यानि सभी आरोपियों को लेकर घटनास्थल पर पूरी वारदात दोबारा दर्शाई गई. बताया कि सोनम थोड़ी देर बाद बाथरूम जाने का बहाना बनाकर गई वो पास की दीवार से टेक लगाकर खड़ी हो गई. इस दौरान आनंद और आकाश सामने खड़े थे और राजा उनके करीब खड़ा होकर उनसे बात कर रहा था. तभी विशाल सिंह चौहान पीछे से आया और अपने दोनों हाथों से दाओ हथियार उठाकर जोर से राजा के सिर के पीछे मारा. वार बहुत जोरदार था राजा तुरंत गिर पड़ा और वहीं बेहोश होकर लेट गया. जैसे ही राजा गिरा, सोनम पार्किंग की तरफ चल पड़ी. फिर आनंद कुर्मी ने भी अपने दाओ से राजा के गले या कंधे के पास एक और वार किया. उसके बाद आकाश सिंह राजपूत ने वही दाओ लेकर राजा के सिर पर दोबारा वार किया. राजा की वहीं मौके पर मौत हो गई. इसके बाद राजा की लाश को खाई में फेंक कर सभी मौके से फरार हो गए.
पुलिस के मुताबिक आरोपियों ने राजा रघुवंशी की हत्या में इस्तेमाल किए गए हथियार जिसे लोकल भाषा में दाओ कहा जाता है उन्होंने वो हथियार गोवाहाटी से खरीदे थे.