दिल्ली हाईकोर्ट ने यूनियन बैंक ऑफ इंडिया के उस फैसले को रद्द कर दिया, जिसमें उद्योगपति अनिल अंबानी के बेटे जय अनमोल अंबानी की कंपनी के बैंक खाते को फ्रॉड घोषित किया गया था. दिल्ली कोर्ट ने साफ कहा है कि बिना शो-कॉज नोटिस और सुनवाई का मौका दिए किसी भी खाते को फ्रॉड घोषित करना प्राकृतिक न्याय के खिलाफ है.

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दिल्ली हाई कोर्ट ने यूनियन बैंक के आदेश को किया रद्द 

दिल्ली हाई कोर्ट की जस्टिस ज्योति सिंह ने अपने आदेश में कहा कि इस मामले में जय अनमोल अंबानी को कभी सही तरीके से शो-कॉज नोटिस दिया ही नहीं गया. बैंक ने नोटिस जिस पते पर भेजा, वह पता कंपनी साल 2020 में ही खाली कर चुकी थी. ऐसे में यह मानना सही होगा कि नोटिस की विधिवत सेवा नहीं हुई. 

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इसी आधार पर कोर्ट ने यूनियन बैंक द्वारा खाते को फ्रॉड घोषित करने के आदेश को रद्द कर दिया. हालांकि कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि इस आदेश का मतलब यह नहीं है कि बैंक आगे कार्रवाई नहीं कर सकता. यूनियन बैंक चाहें तो जय अनमोल अंबानी को नए सिरे से शो-कॉज नोटिस जारी कर सकता है. कोर्ट ने निर्देश दिया कि बैंक को नए नोटिस के साथ सभी जरूरी दस्तावेज भी देने होंगे, ताकि अनमोल अंबानी अपना जवाब सही तरीके से दाखिल कर सकें. जवाब मिलने के बाद बैंक नया फैसला ले सकता है.

जय अनमोल अंबानी ने दिल्ली हाई कोर्ट में दाखिल की थी अर्जी

यह मामला तब सामने आया, जब जय अनमोल अंबानी ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर कहा कि अक्टूबर में उनके खाते को फ्रॉड घोषित कर दिया गया. जबकि न तो उन्हें कोई नोटिस दिया गया और न ही सुनवाई का मौका. याचिका में सुप्रीम कोर्ट के उस फैसले का भी हवाला दिया गया, जिसमें कहा गया है कि किसी भी कर्जदार को फ्रॉड घोषित करने से पहले नोटिस और जवाब का अवसर देना जरूरी है.

सीबीआई ने दर्ज किया है केस

इस मामले में सीबीआई ने भी जय अनमोल अंबानी और रिलायंस होम फाइनेंस लिमिटेड के खिलाफ केस दर्ज किया है. आरोप है कि यूनियन बैंक को करीब 228 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ. बैंक के मुताबिक RHFL ने करीब 450 करोड़ रुपये की क्रेडिट लिमिट ली थी, लेकिन किश्तें न चुकाने के कारण सितंबर 2019 में खाता एनपीए घोषित कर दिया गया था.

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