Ram Mandir: 22 जनवरी 2024... अयोध्या में बने भव्य राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा हो चुकी है. इस बीच 1992 में गिराए गए विवादित बाबरी ढांचे की एक ईट सुर्खियों में है. रामजन्मभूमि आंदोलन में कई हिंदू संगठनों के लोग विवादित ढांचे की ईटों को अपने साथ ले गए थे. ऐसी ही एक ईट महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के नेता बाला नंदगांवकर ने मंगलवार (6 फरवरी) को राज ठाकरे को भेंट की.


विवादित बाबरी ढांचे की ईट उपहार के तौर पर मिलने के बाद अब मनसे अध्यक्ष राज ठाकरे की पहली प्रतिक्रिया सामने आई है. उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, ''22 जनवरी, 2024 को अयोध्या में श्रीराम मंदिर में मूर्ति का प्राणप्रतिष्ठा समारोह आयोजित किया गया था. सभी हिंदुओं का सपना पूरा हुआ.''


'बालासाहेब और कारसेवकों की इच्छा हुई पूरी'
राज ठाकरे ने आगे कहा, ''अयोध्या में राम मंदिर बनना चाहिए. बालासाहेब और लाखों कारसेवकों की प्रबल इच्छा थी, जो पूरी हुई. इन सबकी पृष्ठभूमि में पार्टी में मेरे वरिष्ठ सहयोगी बाला नंदगांवकर ने मुझे बाबरी मस्जिद की छत से एक ईंट उपहार में दी है, जिसे अयोध्या में कारसेवकों ने ध्वस्त कर दिया था.''


'मैं चाहता हूं राम मंदिर की ईट'
मनसे अध्यक्ष ने कहा, ''मुझे लगता है कि ये ईंट कई सदियों के बाद विदेशी आक्रांताओं को दिए गए जवाब का प्रतीक है. यह ईंट आज मेरे संग्रह में आई, अब मैं चाहता हूं कि जिन ईंटों से राम मंदिर खड़ा है उनमें से एक ईंट मुझे मिले. मुझे यकीन है कि श्री राम की कृपा से यह जल्द ही मेरे संग्रह में आ जाएगी.'' 






32 साल तक संभाल कर रखी विवादित ढांचे की ईट
विवादित ढांचे के विध्वंस में शामिल रहे उस समय के शिवसैनिक बाला नंदगांवकर ने कारसेवा की थी. इस दौरान वह बाबरी मस्जिद को तोड़े जाने के बाद उसकी दो ईटें अपने साथ महाराष्ट्र ले आए थे. उन्होंने इन ईटों को 32 साल तक अपने पास सहेज कर रखा. जिनमें से एक को अब उन्होंने मनसे अध्यक्ष राज ठाकरे को उपहार के तौर पर दी है.


'राज ठाकरे हैं बालासाहेब के उत्तराधिकारी'
नंदगांवकर ने दावा किया कि मनसे प्रमुख राज ठाकरे शिवसेना के संस्थापक बाल ठाकरे की विचारधारा के उत्तराधिकारी हैं. मनसे नेता ने कहा कि उन्होंने प्रतिज्ञा की थी कि मंदिर निर्माण के बाद वह इसकी ईंट बालासाहेब ठाकरे को देंगे. राम मंदिर तो बन गया, लेकिन बाला साहब ठाकरे आज जीवित नहीं हैं. इसके चलते उन्होंने राज ठाकरे को विवादित ढांचे की ईंट उपहार में दी.


(इनपुट पीटीआई-भाषा से भी)


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