कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने एक बार फिर चीन और पाकिस्तान की बढ़ती नजदीकियों का मुद्दा उठाया है. विदेश मंत्रालय की परामर्शदात्री समिति (Consultative Committee) की बैठक में राहुल गांधी ने कहा कि यूक्रेन संकट के बहाने चीन की टेढ़ी नज़र भारत पर भी पड़ सकती है. बैठक में सरकार ने कहा कि भारत इस आशंका को लेकर सतर्क है. समिति के अध्यक्ष के तौर पर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बैठक की अध्यक्षता की.

बैठक शुरू होते ही विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने सदस्यों को यूक्रेन में फंसे छात्रों और अन्य लोगों को भारत वापस लाने की योजना की विस्तृत जानकारी दी. सूत्रों के मुताबिक़ कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने बैठक में यूक्रेन संकट के मद्देनज़र सरकार की विदेश नीति के बारे में कई सवाल पूछे. संसद में दिए अपने भाषण में कही गई बातों को दोहराते हुए राहुल गांधी ने फिर सरकार को आगाह किया कि चीन और पाकिस्तान के बीच नजदीकियां बढ़ रही हैं. 

राहुल ने कहा कि यूक्रेन संकट के बहाने चीन की मंशा भारत के हिस्से पर कब्ज़ा करने की हो सकती है जो चिंता का विषय है. राहुल की बात का जवाब देते हुए विदेश मंत्री ने कहा कि सरकार इस आशंका को लेकर सतर्क है और यूक्रेन की तुलना भारत से नहीं की जा सकती है. हालांकि राहुल गांधी ने सरकार की ओर से यूक्रेन में फंसे लोगों को भारत वापस लाए जाने की कोशिशों की सराहना की और कहा कि वर्तमान हालात में सरकार अच्छी पहल कर रही है. बैठक में मौजूद कांग्रेस नेता शशि थरूर ने भी एक ट्वीट के ज़रिए सरकार की कोशिशों की सराहना की. 

वहीं बैठक में मौजूद कई सदस्यों ने सरकार से यूक्रेन में फंसे लोगों को लाने में देरी का मुद्दा उठाया. सदस्यों ने सरकार से पूछा कि क्या वो यूक्रेन संकट को भांपने में नाकामयाब रही. जवाब में सरकार ने इस बात से इनकार करते हुए कहा कि यूक्रेन की सरकार युद्ध की आशंका से लगातार इनकार कर रही थी. सरकार ने बताया कि रूस के रास्ते यूक्रेन के पूर्वी भाग खासकर खरकीव में फंसे लोगों को वापस लाने के लिए रूस की सरकार से बातचीत लगातार जारी है. 

विदेश मंत्री जयशंकर ने बताया कि वहां फंसे लोगों को वापस लाने के लिए सरकार हरसंभव प्रयास कर रही है, जो सबको वापस लाने तक लगातार जारी रहेगा. हालांकि सरकार ने वर्तमान हालात के मद्देनज़र सभी लोगों को वापस लाने की कोई समयसीमा देने से परहेज़ किया. 

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