नई दिल्ली: कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने बुधवार शाम उत्तर पूर्वी दिल्ली के दंगा प्रभावित इलाके ब्रिजपुरी का दौरा किया जहां उन्होंने दंगे में क्षतिग्रस्त एक स्कूल और एक मस्जिद का मुआयना किया. राहुल गांधी ने कहा कि हिंसा और नफरत तरक्की के दुश्मन हैं. ऐसी राजनीति से भारत माता का नुकसान होता है.
हिंदुस्तान को जोड़कर आगे बढ़ाया जा सकता है- राहुल गांधी
ब्रिजपुरी के जिस स्कूल में राहुल पहुंचे वो एक कांग्रेस नेता का स्कूल है जिसमें दंगाइयों ने आग लगा दी थी. राहुल गांधी ने जली हुई कक्षाओं के अंदर जा कर हालात देखे. स्कूल में मौजूद मीडिया से मुखातिब होते हुए राहुल ने कहा, "ये एक स्कूल है. ये हिंदुस्तान का भविष्य है. नफरत और हिंसा ने इसे जलाया है, इससे किसी का फायदा नहीं हुआ. हिंसा और नफरत तरक्की के दुश्मन हैं. हिंदुस्तान को बांटा और जलाया जा रहा है, इससे हिंदुस्तान, भारत माता का कोई फायदा नहीं हो रहा है." उन्होंने आगे कहा कि "दुख का समय है. सबको मिलकर प्यार से काम करना होगा. हिंदुस्तान को जोड़ कर ही आगे बढ़ा जा सकता है."
बिना किसी पार्टी का नाम लिए राहुल गांधी ने कहा, "इस प्रकार की राजनीति से केवल इस स्कूल का नुकसान नहीं होता, हिंदुस्तान और भारत माता का नुकसान होता है. दुनिया में देश की जो प्रतिष्ठा है जो हमारे भविष्य के लिए जरूरी है उसे यहां जलाया गया है."
जब राजधानी में हिंसा होती है तो देश की प्रतिष्ठा को चोट पहुंचती है- राहुल गांधी
दंगो से देश की धूमिल होती प्रतिष्ठा को लेकर चिंता जाहिर करते हुए राहुल ने कहा, "जब हिंदुस्तान की राजधानी में हिंसा होती है तो देश की प्रतिष्ठा को चोट पहुंचती है. देश की जो ताकत थी भाईचारा, एकता, प्यार उसको यहां जलाया गया है नष्ट किया गया है."
राहुल गांधी के साथ केसी वेणुगोपाल, अधीर रंजन चौधरी, रणदीप सुरजेवाला, कुमारी शैलजा, मुकुल वासनिक, गौरव गोगोई जैसे कांग्रेस के कई नेता और सांसद मौजूद थे. स्कूल और मस्जिद के बाद कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल को राहत शिविर भी जाना था लेकिन सुरक्षा कारणों से पुलिस ने वापस लौटने का अनुरोध किया जिसके बाद कांग्रेस नेता लौट गए. इस दौरान आसपास के काफी लोग जमा हो गए.
दंगा प्रभावित इलाके के लोगों ने इस बात को लेकर संतोष जताया कि राहुल गांधी उनके बीच पहुंचे. हालांकि, उन्होंने कहा कि पद पर बैठे बड़े नेताओं को यहां का दौरा करना चाहिए. बता दें कि बीते हफ्ते दिल्ली के उत्तर-पूर्वी हिस्से के कई इलाकों में हुए साम्प्रदायिक दंगों के दौरान 47 लोगों की हत्या हुई जबकि करोड़ो की संपत्ति जला दी गई.