सेंट्रल विस्टा पुनर्विकास परियोजना की आलोचना करने के लिए कांग्रेस पर पलटवार करते हुए केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने शुक्रवार को कहा कि मामले पर पार्टी का रुख ‘‘अजीब’’ है क्योंकि उसके नेताओं ने संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) की सत्ता के दौरान इस प्रस्ताव का समर्थन किया था.


राहुल ने बताया धन की बर्बादी


इससे पहले कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने परियोजना के क्रियान्वयन के लिए नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार की आलोचना करते हुए इसे धन की बर्बादी बताया और सरकार से कोविड-19 महामारी के दौरान लोगों के जीवन की रक्षा पर ध्यान देने को कहा. राहुल गांधी ने कहा, ''सेंट्रल विस्टा आपराधिक फिजूलखर्ची है, लोगों के जीवन को केंद्र में रखिए न कि नया घर पाने के लिए अपने घमंड को.''






हरदीप पुरी ने किया पर पलटवार


पुरी ने ट्वीट किया, ‘‘सेंट्रल विस्टा परियोजना को लेकर कांग्रेस का रुख अजीब है. सेंट्रल विस्टा की लागत कई वर्षों से 20,000 करोड़ रुपये है. भारत सरकार ने टीकाकरण के लिए करीब दोगुनी रकम आवंटित की है. भारत का स्वास्थ्य बजट इस वर्ष तीन लाख करोड़ रुपये से अधिक है. हमें अपनी प्राथमिकता पता है.’’


सिलसिलेवार ट्वीट में केंद्रीय आवास और शहरी विकास मंत्री ने कहा कि सेंट्रल विस्टा कोई नयी परियोजना नहीं है और आरोप लगाया कि संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) की सरकार के दौरान कांग्रेस के नेताओं ने संसद के नए भवन की जरूरत को लेकर चिट्ठियां लिखी थी.






पुरी ने कहा, ‘‘कांग्रेस का पाखंड खत्म नहीं हो रहा. उनका शर्मनाक दोहरा रवैया देखिए. संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन के दौरान कांग्रेस के नेताओं ने संसद के नए भवन की जरूरत को लेकर चिट्ठियां लिखी थी. लोकसभा अध्यक्ष ने 2012 में केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय को इसके लिए पत्र लिखा था. अब वे उसी परियोजना का विरोध कर रहे हैं.’’


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