नई दिल्ली: देश कोरोना की दूसरी लहर से बुरी तरह प्रभावित है. अस्पतालों में भीड़ है, लोग दवा, ऑक्सजीन और अन्य जरूरी सुविधाएं नहीं मिलने की शिकायत कर रहे हैं. इस बीच केंद्र सरकार के मुख्य वैज्ञानिक सलाहकार ने कोविड की तीसरी लहर के आने की बात कही है. ऐसे में सवाल उठता है कि इतनी बड़ी त्रासदी से कब तक और कैसे राहत मिलेगी? 


इन्हीं मुद्दों पर एम्स दिल्ली के डायरेक्टर रणदीप गुलेरिया ने एबीपी न्यूज़ से खास बातचीत की. उन्होंने कहा कि दूसरी लहर तभी कमजोर पड़ेगी जब लोग साथ देंगे. सावधानी बरतेंगे.


उन्होंने कहा, ''मेरा मानना है कि अलग-अलग हिस्सों में पीक अधिक होगा और पीक कम होगा. जैसे महाराष्ट्र में केस कम हो रहे हैं. दिल्ली, उत्तर प्रदेश और पंजाब की बात करें तो यहां हालत स्थिर है. उम्मीद है कि इस महीने के बीच में केस कम होने लगेंगे. हालांकि नॉर्थ-ईस्ट और बंगाल में केस बढ़ेंगे. उसके बाद ही अगले महीने तक ऑवरऑल केस कम होने लगेंगे.''


हालांकि गुलेरिया ने आगे कहा, ''ये लोगों पर निर्भर करता है कि केस कम कब होंगे. हमें चेन ऑफ ट्रांसमिशन को तोड़ना होगा. सभी को साथ मिलकर अभियान शुरू करना होगा. सभी घर में रहें, मास्क लगाएं. जरूरी नहीं हो तो घर से नहीं निकलें. दो-तीन महीने तक भीड़ इकट्ठा नहीं करें. पार्टी में नहीं जाएं.''


लॉकडाउन


रणदीप गुलेरिया ने लॉकडाउन को लेकर कहा कि कई राज्यों ने अपने-अपने स्तर पर कदम उठाए हैं. लॉकडाउन का सिर्फ ये मतलब है कि लोगों को मिलने न दें. ताकि कोरोना चेन को तोड़ा जा सके. उन इलाकों में लॉकडाउन दो हफ्ते के लिए लगाया जाना चाहिए, जहां पॉजिटिविटी रेट ज्यादा है. अस्पतालों में बेड कम पड़ गए हैं. लॉकडाउन में सख्ती की जरूरत है. अगर लोगों का मूवमेंट जारी रहता है तो इसका कोई मतलब नहीं है. जिस तेजी से केस आ रहे हैं, कोई भी हेल्थ केयर सिस्टम इससे निपटने में कमजोर पड़ जाएगा.


वैक्सीन कितना कारगर


रणदीप गुलेरिया ने कहा कि कोरोना वैक्सीन की दक्षता को लेकर कहा कि कुछ ऐसे केस आ रहे हैं जिसमें कोरोना की वैक्सीन लेने के बाद भी लोगों को नुकसान हुआ है. ट्रायल में भी ये बात सामने आई है. हम मानते हैं कि वैक्सीन लेने के बाद 80 फीसदी लोगों में एंटीबॉडी बनेगी. यह 100 फीसदी कारगर नहीं है. लोगों को वैक्सीन लेने के बाद भी सावधानी बरतने की जरूरत है. जितने भी कोरोना के वेरिएंट हैं सभी पर वैक्सीन कारगर है.


तीसरी लहर


एम्स के डायरेक्टर ने कहा कि यह बात सही है कि जैसे-जैसे नए वेव आते हैं तो जिन्हें संक्रमण नहीं हुआ होता है उनमें फैलता है. बच्चों को भी वैक्सीन दी जानी चाहिए. रिसर्च वैक्सीन को लेकर जारी है. 


कोरोना में हार्ट अटैक


रणदीप गुलेरिया ने कहा कि कोरोना वायरस हमारे फेफड़े पर प्रभाव डालता है. कई केस में ब्लड में क्लॉट आ जाती है और हमारे हार्ट पर भी कई बार प्रभाव डालता है. एक केस में पेट के अंदर आंत से ब्लिडिंग शुरू हो गई. हमने बचाने की कोशिश की. 


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