नई दिल्ली: रेप को लेकर राहुल गांधी के बयान को लेकर भाजपा ने तीखे तेवर अपना लिए हैं. स्मृति ईरानी ने एक बार फिर राहुल गांधी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. इस बार उनके तेवर देखकर लग रहा है कि स्मृति ईरानी इसबार शांत बैठने के मूड में नहीं है. उधर राहुल ने भी पीछे न हटने का एलान कर दिया है.
झारखंड में एक रैली को संबोधित करते हुए जिस तरह से उन्होने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा पर हमला बोला है उससे लगता है कि राहुल गांधी पूरी रणनीति के साथ इस बार मैदान में हैं. इस बयान के बाद कांग्रेस और भाजपा में नूरा कुश्ती तेज हो सकती है.
माना जा रहा है कि कांग्रेस को इस मामले में घेरने के लिए भाजपा ने भी कमर कस ली है. इसके लिए भाजपा ने रणनीति तैयार की है. राहुल गांधी और स्मृति ईरानी पहले भी कई मुद्दों पर आमने सामने आ चुके हैं. भाजपा की तरफ से स्मृति ईरानी एक बार फिर राहुल गांधी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है.
भाजपा की महिला सांसदों को लेकर शुक्रवार को स्मृति ईरानी ने राहुल गांधी पर बड़ा हमला बोला. जिसमें उन्होंने राहुल गांधी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है. आज लोकसभा में शीत कालीन सत्र का अंतिम दिन था लेकिन राहुल गांधी के रेप वाले बयान को लेकर हंगामा शुरू हो गया जिसके बाद सदन को स्थगित करना पड़ा.राहुल गांधी ने रेप को लेकर एक बयान दिया था जिसमें उन्होने कहा था मोदी जी कहते थे 'मेक इन इंडिया' और अब देश में हर जगह 'रेप इन इंडिया' हो गया है. भाजपा की महिला सांसदों का कहना था कि मेक इन इंडिया की तुलना रेप इन इंडिया से करना बहुत ही गलत है.
मेक इन इंडिया को इन महिला सांसदों ने भारत का गौरव बताया. स्मृति ईरानी सहित भाजपा की अन्य महिला सांसदों ने राहुल गांधी की लोकसभा की सदस्यता को खत्म करने की मांग की है. वहीं राहुल गांधी ने अपने बयान पर कायम रहने की बात कह कर आने वाले दिनों में राजनीति सरगर्मियां के तेज रहने के संकेत दे दिए हैं.
राहुल और स्मृति कब कब आए आमने सामने स्मृति ईरानी उत्तर प्रदेश की अमेठी से सांसद हैं. यह लोकसभा सीट किसी समय कांग्रेस की सबसे मजबूत सीट मानी जाती थी, लेकिन स्मृति ईरानी ने इस सीट से जीत हासिल कर कांग्रेस के मजबूत किले को धरासायी कर दिया था. उत्तर प्रदेश के चुनाव हो या फिर राहुल गांधी द्वारा उठाया गया कोई भी मुद्दा. स्मृति ईरानी ने हर बार करारा जवाब दिया है. देखा गया है कि राहुल जब भी कुछ ऐसा बोलते हैं स्मृति ईरानी हमलाबर हो जाती हैं.
राहुल के खिलाफ स्मृति ने जब जब मोर्चा खोला है पार्टी को फायदा मिला है. ऐसा लोगों का मानना है. इसीलिए स्मृति भी राहुल को लेकर कोई मौका चुकती नहीं है. शुक्रवार को भी सदन से लेकर सड़क तक स्मृति ईरानी किसी भी मोर्चे पर कमजोर नहीं दिखाई दी. लेकिन जिस तरह से राहुल गांधी ने रूख अख्तियार किया है उससे कांग्रेस की रणनीति को भाजपा भांपने की कोशिश कर रही है.