नई दिल्ली: कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भारतीय वायु सेना को राफेल लड़ाकू विमानों की पहली खेप के तहत पांच विमानों के भारत आने पर बधाई दी है. हालांकि इसके साथ ही राहुल गांधी ने भारत सरकार से राफेल की कीमत, संख्या और कॉन्ट्रैक्ट को लेकर तीन सवाल एक बार फिर पूछे हैं, जिनको लेकर उन्होंने पिछले लोकसभा चुनाव में मोदी सरकार को जमकर घेरा था. बुधवार दोपहर पांच राफेल विमान अंबाला एयरबेस पहुंचे.
देर शाम राहुल गांधी ने ट्वीट किया, "राफेल के लिए भारतीय वायु सेना को बधाई. लेकिन क्या सरकार इन सवालों के जवाब देगी -
1. प्रत्येक विमान की क़ीमत ₹526 करोड़ की बजाए ₹1670 करोड़ क्यों दी गयी?
2. 126 की बजाए सिर्फ़ 36 विमान ही क्यों ख़रीदे?
3. एचएएल की बजाय कंगाल अनिल को 30,000 करोड़ रुपये का कॉन्ट्रैक्ट क्यों दिया गया?"
दरअसल बीते लोकसभा चुनाव से पहले राहुल गांधी ने जोर शोर से राफेल सौदे में घोटाले का आरोप लगा कर इसकी जांच की मांग की थी. हालांकि इसी प्रकार की एक अन्य मांग की सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने राफेल सौदे की जांच के आदेश देने से इनकार कर दिया था. जनता की अदालत में भी राहुल गांधी घोटाले के आरोप साबित करने में कामयाब नहीं हो पाए.
वहीं, राफेल के आगमन पर कांग्रेस ने भी ट्वीट कर भारतीय वायु सेना को बधाई देते हुए कहा कि 2012 में कांग्रेस सरकार द्वारा राफेल की पहचान और खरीद को लेकर की गई मेहनत आखिरकार रंग लाई है. इसके साथ ही कांग्रेस ने अपनी सरकार और बीजेपी सरकार के वक्त हुए कॉन्ट्रैक्ट की तुलना कर 'घोटाले' का आरोप लगाया.
कांग्रेस की तरफ से कहा गया कि कांग्रेस सरकार की राफेल खरीद से भारत को 126 जहाज मिलते, जबकि बीजेपी सरकार में महज 36. पुराने सौदे के आधार पर कांग्रेस ने कहा कि 136 में से 108 जहाज भारत मे बनते और 2016 तक भारत को जहाज भी मिल जाते. वहीं, एक राफेल की कीमत 526 करोड़ रुपए होती.
दूसरी तरफ बीजेपी का आरोप रहा है कि कांग्रेस सरकार ने देश की सुरक्षा से समझौता कर राफेल सौदे को सालों तक लटका कर रखा. राफेल सौदे में घोटाले के कांग्रेस के आरोपों को मोदी सरकार आधारहीन बताती रही है. इसके साथ ही बीजेपी भारतीय वायुसेना के बेड़े में राफेल लड़ाकू विमानों को जोड़ने का श्रेय लेने से भी नहीं चूकती.
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