अंबाला: भारत का सबसे बड़ा योद्धा राफेल आखिरकार अंबाला एयरबेस पर लैंड कर चुका है. इन राफेल विमानों को गोल्डन एरो कही जानेवाली 17 स्कॉड्रन में शामिल किया जाएगा, जिसे एयरफोर्स ने खत्म कर दिया था. इस स्कॉड्रन को रिटायर कर दिया गया था लेकिन राफेल के लिए दोबारा जिंदा किया गया है. ये स्कॉड्रन पाकिस्तान को दो युद्धों (1965 और 1971) में धूल चटा चुकी है.


गोल्डन एरो 17 स्कॉड्रन में 18 राफेल लड़ाकू विमान होंगे- तीन ट्रैनर और बाकी 15 फाइटर जेट्स. 17 स्कॉड्रन का गठन 1 अक्टूबर 1951 को हुआ था. फ्लाइट लेफ्टिनेंट डी एल स्पिंगगिट इसके मुखिया थे. 1957 में इसमें हॉकर हंटर एयरक्राफ्ट और 1975 में मिग-21 ने इसमें शामिल किए गए थे.


अंबाला का 7 विंग एयरफोर्स स्टेशन वेस्टर्न एयर कमांड का एक बड़ा एयरफोर्स स्टेशन है. इस वजह से दुश्मन की निगाह हमेशा अंबाला एयरफोर्स स्टेशन पर बनी रहती हैं. 1965 और 1971 की लड़ाई में पाकिस्तान इस अंबाला एयरफोर्स पर बमबारी कर चुका है.


स्कॉड्रन लीडर अजय आहूजा करगिल युद्ध में हुए थे शहीद
17 स्कॉड्रन के स्कॉड्रन लीडर अजय आहूजा करगिल युद्ध में दुश्मन के खिलाफ लड़ते हुए शहीद हो गए थे. उन्हें मरणोपरांत वीर चक्र से नवाजा गया था. मिग-21 के रिटायर होने के बाद ये स्कॉवड्रन पिछले कुछ सालों से बंद पड़ी थी. अब इसे एक बार फिर से राफेल के साथ जीवित कर दिया गया है. पूर्व वायुसेना प्रमुख बी एस धनोआ भी इसी स्कॉड्रन से ताल्लुक रखते थे. भारत ने वायुसेना के लिए 36 राफेल विमान खरीदने के लिए चार साल पहले फ्रांस के साथ 59 हजार करोड़ रुपये का करार किया था.


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