नई दिल्ली: कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में रविवार रात हुई हिंसा पर निराशा जाहिर की है. उन्होंने कहा कि यह उस डर को दिखाती है जो 'हमारे देश को नियंत्रित कर रही फासीवादी ताकतों को' छात्रों से लगता है. उन्होंने ट्वीट किया, “नकाबपोश लोगों द्वारा जेएनयू छात्रों और शिक्षकों पर किया गया नृशंस हमला चौंकाने वाला है जिसमें कई गंभीर रूप से घायल हो गए हैं. हमारे देश को नियंत्रित कर रही फासीवादी ताकतें, बहादुर विद्यार्थियों की आवाज से डरती हैं. जेएनयू में आज हुई हिंसा उस डर को दर्शाती है.”


डंडों से लैस नकाबपोश लोगों के छात्रों और शिक्षकों पर हमला करने और परिसर में संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के बाद रविवार रात जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में हिंसा भड़क उठी थी. इसके बाद प्रशासन को परिसर में पुलिस बुलानी पड़ी.


इस घटना में कम से कम 18 लोग घायल हुए हैं और इन्हें अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में भर्ती कराया गया है. जेएनयू छात्र संघ की अध्यक्ष आइशी घोष को सिर में चोट आई है. वाम नियंत्रित जेएनयू छात्र संघ और एबीवीपी ने हिंसा के लिए एक-दूसरे पर आरोप मढ़ा. यह हिंसा करीब दो घंटे तक जारी रही.


अब इस मामले ने राजनीतिक रंग ले लिया है. विपक्षी पार्टियों के कई बड़े नेताओं ने हिंसा की घटना पर कड़ी प्रतिक्रिया जाहिर की है. इन नेताओं में ममता बनर्जी, अरविंद केजरीवाल, पी चिदंबरम शामिल हैं.


पी चिदंबरम ने लगाया ये बड़ा आरोप


पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने भी इस मामले पर बयान दिया है. उन्होंने इस मामले पर सरकार पर बड़ा आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि अगर ये घटना लाइव टीवी पर हो रहा है तो जो इसे अंजाम दे रहे हैं उसे किसी चीज का भय नहीं है और ये काम बिना सरकार के समर्थन के नहीं हो सकता है.


ममता बनर्जी का बयान


इस मामले पर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा है कि जेएनयू में विद्यार्थियों, शिक्षकों के खिलाफ की गई क्रूरता की कड़ी निंदा करती हूं. ऐसी नृशंस कार्रवाई को बयां करने के लिए शब्द नहीं हैं.


अरविंद केजरीवाल बोले


केजरीवाल ने ट्वीट किया, ‘‘उपराज्यपाल से बात की और उनसे अनुरोध किया कि व्यवस्था बनाये रखने के लिए पुलिस को निर्देश दें. उन्होंने विश्वास दिलाया कि वह हालात पर करीब से नजर रख रहे हैं और सभी जरूरी कदम उठा रहे हैं.’’ उन्होंने कहा, ‘‘मैं जेएनयू में हिंसा के बारे में जानकर स्तब्ध हूं. छात्रों पर बुरी तरह हमले किये गये. पुलिस को फौरन हिंसा रोकनी चाहिए तथा शांति बहाल करनी चाहिए. अगर विश्वविद्यालय परिसरों में छात्र सुरक्षित नहीं रहेंगे तो देश कैसे प्रगति करेगा.’’