I.N.D.I.A Seat Sharing: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बुधवार (24 जनवरी) को कांग्रेस और विपक्षी गठबंधन 'इंडिया' को बड़ा झटका दिया. उन्होंने ऐलान किया कि बंगाल में तृणमूल कांग्रेस (TMC) सभी 42 सीटों पर अकेले लोकसभा चुनाव लडे़गी. ऐसी ही घोषणा पंजाब के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी (AAP) के नेता भगवंत मान ने भी की है.


टीएमसी की चीफ ममता बनर्जी ने कांग्रेस और टीएमसी के बीच सीटों के बंटवारे पर चल रहे टकराव को लेकर, ‘‘मैंने उन्हें (कांग्रेस को) सीटों के बंटवारे पर एक प्रस्ताव दिया था, लेकिन उन्होंने शुरू में ही इसे नकार दिया. हमारी पार्टी ने अब बंगाल में अकेले चुनाव लड़ने का फैसला किया है.’’ 


ममता बनर्जी के ये ऐलान कांग्रेस नेता राहुल गांधी के नेतृत्व में हो रही भारत जोड़ो न्याय यात्रा के पश्चिम बंगाल में प्रवेश करने से एक दिन पहले .यानी बुधवार को आया है. ऐसे में इसे काफी अहम माना जा रहा है. 


भारत जोड़ो न्याय यात्रा के बारे में ममता बनर्जी ने दावा भी किया कि कांग्रेस ने उन्हें राज्य में यात्रा के कार्यक्रम के बारे में नहीं बताया है.  उन्होंने कहा, ‘‘शिष्टाचार के नाते, क्या उन्होंने (कांग्रेस) मुझे बताया कि वे यात्रा के लिए बंगाल आ रहे हैं? मुझे इसकी जानकारी नहीं है.’’


कांग्रेस के गढ़ से गुजरेगी भारत जोड़ो न्याय यात्रा
असम में जारी इस यात्रा के 25 जनवरी को बशीरहाट के जरिए पश्चिम बंगाल में प्रवेश करने की संभावना है. दो दिन 26-27 जनवरी को विश्राम करने के बाद यात्रा 29 जनवरी को बिहार पहुंचने से पहले जलपाईगुड़ी, अलीपुरद्वार, उत्तर दिनाजपुर और दार्जीलिंग से गुजरेगी.


यह मालदा के जरिए 31 जनवरी को पश्चिम बंगाल में पुन: प्रवेश करेगी और मुर्शिदाबाद से गुजरेगी. मालदा और मुर्शिदाबाद दोनों ही कांग्रेस के गढ़ माने जाते हैं. एक फरवरी को यात्रा राज्य से प्रस्थान करेगी.


कांग्रेस ने क्या कहा?
ममता बनर्जी के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा, ‘‘पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी के बिना विपक्षी गठबंधन ‘'इंडिया'’ की कल्पना नहीं की जा सकती.’’


उन्होंने आगे कहा, ‘‘आपने ममता बनर्जी का पूरा बयान नहीं पढ़ा है. पूरा बयान है कि हम बीजेपी को हराना चाहते हैं और बीजेपी को हराने के लिए कोई कदम पीछे नहीं लेंगे. उसी भावना के साथ हम (भारत जोड़ो न्याय यात्रा) पश्चिम बंगाल में प्रवेश कर रहे हैं.’’


यहां तक बात कैसे पहुंची?
ममता बनर्जी ने हाल ही में मुर्शिदाबाद में पार्टी नेताओं के साथ मीटिंग के दौरान कहा था 'इंडिया' गठबंधन में उचित महत्व नहीं दिया जाता तो हम सभी 42 सीटों पर चुनाव लड़ेंगे. उन्होंने कांग्रेस और लेफ्ट का नाम लिए बिना कहा था कि सीट शेयरिंग को लेकर कुछ दल मेरी बात नहीं सुन रहे हैं. 


ममता बनर्जी के इस बयान को लेकर राहुल गांधी ने सधी प्रतिक्रिया देते हुए कहा था कि गठबंधन में ऐसे छोटे मोटे बयान चलते रहते हैं, लेकिन वहीं पश्चिम बंगाल कांग्रेस के अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी ने कहा था कि ममता बनर्जी को जो बोलना है, बोलना दीजिए. हम अपना काम कर रहे हैं. 


आए दिन अधीर रंजन चौधरी विभिन्न मामलों को लेकर बंगाल सरकार को घेरते रहे हैं. इसके जवाब में टीएमसी भी पलटवार करती है. ऐसे मे आए दिन सवाल उठ रहे थे कि क्या बंगाल में कांग्रेस और टीएमसी के बीच सीट शेयरिंग होगी. 


टीएमसी कितनी सीटें देना चाहती है?
न्यूज एजेंसी पीटीआई ने सूत्रों के हवाले से बताया कि ममता बनर्जी की टीएमसी की ओर से कांग्रेस के 2019 के लोकसभा चुनाव के प्रदर्शन को देखते हुए उसे केवल दो सीट देने की पेशकश की गयी थी. इसको कांग्रेस ने ठुकराते हुए कहा था कि ये काफी कम है. ऐसे में इसे स्वीकार करना काफी मुश्किल है.  


टीएमसी और कांग्रेस कब-कब साथ मिलकर चुनाव लड़ी?
टीएमसी ने 2001 का विधानसभा चुनाव, 2009 का लोकसभा चुनाव और 2011 के विधानसभा चुनावों में कांग्रेस से गठबंधन किया था. दोनों ने 2011 के चुनाव में लेफ्ट की 34 साल पुरानी सरकार को सत्ता से बाहर कर दिया था.


दिल्ली में AAP गठबंधन को राजी
पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने बुधवार को कहा, ''आम आदमी पार्टी लोकसभा चुनाव में राज्य में कांग्रेस से गठबंधन नहीं करेगी. हम सभी 13 लोकसभा सीट जीतेंगे.'' हालांकि AAP दिल्ली में गठबंधन करने को राजी है. दोनों दलों की सीट शेयरिंग को लेकर मीटिंग भी हाल के दिनों में हुई थी.


बता दें कि कांग्रेस, टीएमसी और AAP बीजेपी के खिलाफ एकजुट हुए विपक्षी गठबंधन ''इंडिया'' का हिस्सा है.


इनपुट भाषा से भी. 


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