Raghav Chaddha on Pm Modi: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 2 अप्रैल को कई देशों पर नए जवाबी टैरिफ लगाने की घोषणा की. इसमें भारत पर 26% टैरिफ लगाने का फैसला भी शामिल है. इस फैसले के बाद भारत में विपक्षी नेताओं ने पीएम मोदी की सरकार पर सवाल उठाने शुरू कर दिए हैं. आम आदमी पार्टी से राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा ने सरकार पर तंज कसा है. उन्होंने कहा, "टैरिफ वॉर: यार ने ही लूट लिया घर यार का. हमारी सरकार ने लाल कालीन बिछाई, लेकिन क्या सिला मिला!"
राघव चड्ढा ने कहा कि ट्रंप के इस फैसले से भारत की अर्थव्यवस्था को बड़ा झटका लग सकता है. उन्होंने उम्मीद जताई कि सरकार इस मुद्दे पर उचित कदम उठाएगी. साथ ही, उन्होंने यह भी कहा कि चीन का उत्पादन शुल्क कम होने के कारण ज्यादा टैरिफ का उस पर ज्यादा असर नहीं पड़ेगा. विपक्षी नेता लगातार यह सवाल उठा रहे हैं कि क्या मोदी सरकार अमेरिका से अच्छे व्यापारिक संबंध बनाने में असफल रही है. हालांकि, सरकार की ओर से इस पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है.
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने की ये घोषणा
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बुधवार को व्हाइट हाउस के रोज़ गार्डन से विभिन्न देशों पर नए टैरिफ लगाने की घोषणा की. इस दौरान उन्होंने इसे अमेरिका के लिए ऐतिहासिक क्षण करार दिया. ट्रंप ने कहा, "यह मुक्ति दिवस है, एक लंबे समय से प्रतीक्षित क्षण. 2 अप्रैल 2025 को हमेशा के लिए उस दिन के रूप में याद किया जाएगा, जब अमेरिकी उद्योग का पुनर्जन्म हुआ, जब अमेरिका के भाग्य का पुन: उदय हुआ और जब हमने अमेरिका को फिर से समृद्ध बनाने का काम शुरू किया.
हम अमेरिका को समृद्ध, महान और शक्तिशाली बनाने जा रहे हैं." उन्होंने कहा, ‘‘अमेरिका अन्य देशों से मोटरसाइकिल पर केवल 2.4 प्रतिशत शुल्क लेता है. इस बीच, थाइलैंड और अन्य देश बहुत अधिक यानी 60 प्रतिशत तक शुल्क वसूल रहे हैं. भारत 70 प्रतिशत शुल्क लेता है, वियतनाम 75 प्रतिशत शुल्क लेता है, और अन्य इससे भी अधिक शुल्क वसूलते हैं.’’
अमेरिकी राष्ट्रपति ने भारत को लेकर कही ये बात
अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा, ‘‘भारत, बहुत, बहुत सख्त है. बेहद सख्त है. प्रधानमंत्री (नरेन्द्र मोदी) अभी-अभी यहां से गए हैं. वह मेरे बहुत अच्छे दोस्त हैं, लेकिन मैंने उनसे कहा, ‘‘आप मेरे दोस्त हैं, लेकिन आप हमारे साथ सही व्यवहार नहीं कर रहे हैं. वे हमसे 52 प्रतिशत शुल्क लेते हैं. आपको समझना होगा, हमने उनसे सालों और दशकों तक शुल्क के नाम पर कुछ भी नहीं लिया और यह केवल सात साल पहले की बात है, जब मैं सत्ता में आया, तब हमने चीन के साथ इसकी शुरुआत की.’’
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