Raaj Ki Baat: देश में तेजी से बढ़ रहे कोरोना के आंकड़ों ने केंद्र से लेकर राज्य सरकारों की चिंता फिर से बढ़ा दी है. चिंता इस बात की है कि कैसे संक्रमण की बढ़ती रफ्तार को रोका जाए, चिंता इस बात की है कि कैसे काफी हद तक काबू में आ चुके संक्रमण को बेकाबू होने से रोका जाए और चिंता इस बात की है अचानक ऐसा क्या हुआ कि कोरोना की दूसरी लहर वाले हालात हिंदुस्तान में भी खड़े हो गए. चिंताएं चौतरफा हैं और इन्हीं चौतरफा चिंताओं के बीच से एक सिस्टम जनित चिंता भी खड़ी हो गई है जिससे नहीं निपटा गया तो हालात और भी ज्यादा बिगड़ सकते हैं.


राज की बात ये है कि जो हिंदुस्तान दुनिया के तमाम देशों के लिए वैक्सीन भेज कर कोरोना को मैनेज करने में मदद कर रहा है उसी हिंदुस्तान में वैक्सीन की डोजेज बर्बाद हो रही हैं. राज की बात ये है कि कोरोना से लड़ाई के मामले में केंद्र सरकार की सबसे बड़ी चिंता और चुनौती वैक्सीन की बर्बादी को रोकने की आ गई है. राज की बात ये है कि देश भर के राज्यों में जो वैक्सीन भेजी गई उसकी लगभग साढ़े 6 फीसदी डोज़ बर्बाद हो गई है.


'रियल टाइम मॉनिटरिंग'


राज की बात में हम आपको यही बताने जा रहे हैं कि वैक्सीन को खऱाब होने से रोकने के लिए आखिर किस प्लान पर सरकार काम करने जा रही है और किस तरह से बर्बादी के आंकड़ों को जीरो के लेवल तक पहुंचाया जाएगा.


राज्यों को भेजी गई लगभग 7 करोड़ वैक्सीन की खुराकों में से 23 लाख से ज्यादा वैक्सीन की खुराक बर्बाद होने के बाद केंद्र सरकार एक्शन में आ गई है और अब वैक्सीन के प्रयोग की रियल टाइम मॉनिटरिंग का फैसला किया गया है.


जानकारी के मुताबिक केंद्र से भेजे जा रहे वैक्सीन के प्रयोग में सही मैनेजमेंट के न होने से डोजेज खराब हुईं और अब बेहतर प्रबंधन के साथ हर लॉट का इस्तेमाल हो. इसकी जिम्मेदारी और निगरानी केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने पूरी तरह से अपने हाथ में ले लिया है.


कितनी मिल पाती है कामयाबी


कोरोना वैक्सीन की बर्बादी को रोकने के लिए अब जो प्लान बना है उसके मुताबिक राज्यों को अब हर रोज के नहीं बल्कि हर घंटे के वैक्सीन इस्तेमाल की रिपोर्ट केंद्र को देनी होगी. मंत्रालय में कोरोना की एक एक डोज के इस्तेमाल की जानकारी होगी. कौन सा लॉट कब भेजा गया और उसका इस्तेमाल कैसे होगा इसका ब्यौरा हर घंटे राज्यों केंद्र सरकार को भेजेगा.


वैक्सीन की बर्बादी को रोकने के लिए केंद्र, राज्य और जिला के स्तर पर गंभीरता से काम करने के निर्देश जारी किए गए हैं. अब देखने वाली बात होगी कि ये काम कितनी गंभीरता से होता है और वैक्सीन की बर्बादी को किस हद तक रोकने में कामयाबी मिल पाती है.


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