Sawai Singh Murder Case: राजस्थान के अजमेर जिले के पुष्कर कस्बे में 7 जनवरी को हुई गोलीबारी की वारदात ने 1992 के 'अजमेर ब्लैकमेल कांड' की यादों को ताजा कर दिया. पुलिस के मुताबिक, कथित पुरानी रंजिश के चलते अज्ञात बदमाशों ने बीते शनिवार को पुष्कर कस्बे के बंसेली गांव में 70 वर्षीय पूर्व पार्षद सवाई सिंह और उनके 68 वर्षीय दोस्त दिनेश तिवारी पर गोलीबारी की, जिसमें सवाई सिंह की मौत हो गई और दिनेश तिवारी का इलाज चल रहा है. 


पूर्व पार्षद पर गोली चलाने वाले आरोपी मदन सिंह के बेटे हैं. मदन सिंह की 1992 में हत्या कर दी गई थी. मदन सिंह एक साप्ताहिक अखबार चलाते थे और ब्लैकमेल कांड को लेकर खबरें प्रकाशित कर रहे थे. दरअसल, करीब एक दशक पहले ब्लैकमेल कांड चर्चित हुआ था. कथित तौर पर अजमेर की कई लड़कियों को ब्लैकमेल कर उनका रेप किया गया था. 


ब्लैकमेल कांड, मदन सिंह की हत्या और बदला लेने का दूसरा अटेंप्ट


रिपोर्ट के मुताबिक, मदन सिंह की हत्या के सभी आरोपियों को कोर्ट ने बरी कर दिया था. तब से मदन सिंह के दोनों बेटों ने पिता की मौत का बदला लेने की कसम खाई हुई थी. पिछले 10 वर्षों में इंतकाम पूरा करने की यह उनकी दूसरी कोशिश थी. मदन सिंह पर श्रीनगर रोड पर गोली चलाई गई थी. उस समय वह वहां से भागने में सफल हो गए थे और जख्मी हालत में जेएलएन अस्पताल में भर्ती हो गए थे. इसके बाद अस्पताल के भीतर उन पर दोबारा हमला हुआ था. 5-6 लोगों ने उन पर हमला किया था. 


तब पुलिस ने सवाई सिंह, राजकुमार जयपाल, नरेंद्र सिंह और अन्य के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किया था. उस समय मदन सिंह के बेटे- सूर्य और धरम छोटे थे. उनकी उम्र 8 से 12 साल के करीब थी. उस समय अजमेर ब्लैकमेल कांड अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी चर्चित रहा था, जिसमें यूथ कांग्रेस के नेता पर आरोप लगे थे कि स्कूल और कॉलेज की छात्राओं की तस्वीरों के जरिये उन्हें ब्लैकमेल किया गया और उनका रेप किया गया. 


2012 में  जब मदन सिंह हत्याकांड में सवाई सिंह, कांग्रेस के पूर्व विधायक राजकुमार जयपाल और अन्य को कोर्ट ने बरी कर दिया था तो उस वक्त दोनों आरोपियों सूर्य प्रताप सिंह और धरम प्रताप सिंह ने पुष्कर रोड स्थित एक गार्डन होटल में गोलीबारी कर दी थी. 


सवाई सिंह के मुख्य आरोपी समेत दो गिरफ्तार


अजमेर पुलिस के ग्रामीण सीओ इस्लाम खान के मुताबिक, पहले मुख्य आरोपी सूर्य प्रताप सिंह को गिरफ्तार किया गया. उसके पास से एक देसी पिस्तौल और तीन गोलियां बरामद हुई हैं, वहीं धर्म प्रताप सिंह और उसका एक सहयोगी मौके से फरार हो गया था. सोमवार को मामले का एक और आरोपी 21 वर्षीय विनय प्रताप को गिरफ्तार किया गया. विनय पर सवाई सिंह की रेकी करने का आरोप है. रविवार को सूर्य प्रताप सिंह के लिए एक ही दिन की रिमांड मिल सकी थी. सोमवार को सूर्य प्रताप सिंह और विनय की अदालत में पेशी हुई, जहां से दोनों को चार दिन की पुलिस रिमांड पर भेज दिया गया. 


पुलिस के मुताबिक, सूर्य प्रताप सिंह और उसके भाई के खिलाफ दर्जनों आपराधिक मामले दर्ज हैं, जिनमें तीन मामलों में सूर्य प्रताप सिंह को दोषी करार दिया जा चुका है. पुलिस के मुताबिक, जबरन वसूली, धमकी और भू-माफिया वाली गतिविधियों में आरोपी शामिल हैं. मृतक सवाई सिंह के भी कई मामलों में शामिल होने की बात कही गई है. 


पुलिस के मुताबिक, जांच में पता चला कि आरोपियों ने दोनों हाथों में पिस्टल ली हुई थीं और सवाई सिंह पर गोलीबारी शुरू कर दी. सवाई सिंह के सिर और पेट में गोली लगी और उनकी मौत हो गई. वहीं, इस बीच दिनेश तिवारी घायल हो गए.


चश्मदीदों ने क्या देखा?


चश्मदीदों ने पुलिस को बताया कि शनिवार की दोपहर तीन लोग रिजॉर्ट में घुसे थे और कमरा मांग रहे थे. इस दौरान आरोपी उस जगह पर पहुंच गए जहां रिजॉर्ट में स्वीमिंग पूल के पास सवाई सिंह अपने दोस्तों के साथ चाय पी रहा था. एक आरोपी ने हेलमेट पहना हुआ था. सवाई सिंह के एक दोस्त खलील ने बताया कि जैसे ही आरोपियों ने देखा, वे दोनों फायरिंग करने लगे. एक और चश्मदीद ने कहा कि जैसे ही गोलियों की आवाज सुनी, दौड़कर उस जगह पहुंचा, देखा कि आरोपी हंस रहे थे और चिल्ला रहे थे कि पिता की मौत का बदला ले लिया.''


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