नई दिल्ली: कोरोना वैक्सीन लगाए जाने से पहले केंद्र सरकार ने वैक्सीनेशन ड्राइव के ट्रायल की तैयारियां तेज कर दी हैं. केंद्र सरकार ने ड्राई रन के लिए पंजाब के शहरों को चुना है. पंजाब में लुधियाना और शहीद भगत सिंह नगर के पांच-पांच जगहों पर 28 और 29 दिसंबर को वैक्सीनेशन ड्राइव का ट्रायल होगा. इस ट्रायल का उद्देश्य कोरोना टीकाकरण शुरू करने के लिए निर्धारित तरीकों की जांच करना है.


राज्य के स्वास्थ्य मंत्री बलबीर सिंह सिद्धू ने कहा, 'लुधियाना और शहीद भगत सिंह नगर जिले को टीकाकरण ट्रायल के लिए चुना गया है. इस ट्रायल का उद्देश्य स्वास्थ्य व्यवस्था में टीकाकरण के लिए तय प्रक्रिया का परीक्षण करना है. यह उन खामियों को बताएगा जिन्हें कोविड-19 टीकाकरण शुरू करने से पहले दूर किया जा सकता है. ट्रायल एक या दो जिले में जिलाधिकारी के नेतृत्व में किया जाएगा. ट्रायल चार राज्यों- आंध्र प्रदेश, असम, गुजरात और पंजाब- में प्रस्तावित है.'


कोरोना वैक्सीन लगाने के लिए Co-Win मोबाइल ऐप का निर्माण किया गया है. ड्राई रन के दौरान इस ऐप की यथास्थिति को भी देखा जाएगा. इस ऐप के जरिए वैक्सीन से जुड़ी जानकारियां और जरूरी डेटा को ऑनलाइन अपडेट किया जाएगा.


कोवैक्सीन की दूसरी खुराक लेने को 1,000 वॉलंटियर तैयार
देश में विकसित कोरोना वैक्सीन 'कोवैक्सीन' की पहली खुराक सफलतापूर्वक तीसरे चरण के ट्रायल के हिस्से के रूप प्रखर अस्पताल में 1,000 वॉलंटियर को दिया गया. प्रखर अस्पताल के प्रमुख जांचकर्ता डॉ. जेएस कुशवाहा ने कहा, "कोवैक्सिन की दूसरी खुराक भी एक जनवरी से इन 1,000 वॉलंटियर को दी जाएगी. इस वैक्सीन की पहली खुराक विभिन्न रोजमर्रा से ताल्लुक रखने वाले स्वयंसेवकों को दी गई थी."


वॉलंटियर के पहले समूह को 5 दिसंबर को वैक्सीन दिया गया था और उसके बाद यह अभियान 21 दिसंबर तक जारी रहा. इन 1,000 वॉलंटियर को कोवैक्सिन देने में 17 दिन लगे.


भारत बायोटेक ने कोवैक्सीन के तीसरे ट्रायल के लिए भर्ती किए 13,000 वॉलंटियर
भारत बायोटेक ने मंगलवार को 13,000 स्वयंसेवकों की सफल भर्ती की घोषणा की और भारत में कई साइटों पर अपने कोरोना वायरस वैक्सीन कोवैक्सीन के तीसरे चरण के क्लीनिकल ट्रायल के लिए 26,000 प्रतिभागियों के लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में प्रगति जारी रखी. कोवैक्सीन के तीसरे चरण का ट्रायल नवंबर के मध्य में शुरू किया गया, पूरे भारत में 26,000 स्वयंसेवकों पर करने का लक्ष्य रखा गया है.


भारत बायोटेक द्वारा भारत के स्वदेशी कोविड-19 वैक्सीन कोवैक्सीन को भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) - नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (एनआईवी) के सहयोग से विकसित किया गया है.


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