Zika Virus Infection: पुणे में जीका वायरस का एक मामला दर्ज किया गया है. 16 नवंबर को बुखार, खांसी, जोड़ों के दर्द और थकान की शिकायत के चलते मरीज पुणे के जहांगीर अस्पताल में इलाज के लिए आया था. 18 नवंबर को एक प्राइवेट लैब में जीका वायरस का पता चला.  


वहीं 30 नवंबर को एनआईवी पुणे में जांच के दौरान मरीज के जीका से संक्रमित होने की पुष्टि हुई.  22 नवंबर को पुणे नगर निगम की ओर से इस क्षेत्र में डिसीज कंट्रोल एक्शन प्लान शुरू किया गया. मरीज के आस-पास के घरों का सर्वे किया गया, लेकिन इलाके में अन्य किसी संदिग्ध मरीज की पुष्टि नहीं हुई.


इस क्षेत्र में मच्छरों के प्रजनन के लिए घर-घर सर्वे, कंटेनर सर्वे किया गया, लेकिन यहां एडीज मच्छरों का प्रजनन नहीं पाया गया. क्षेत्र को फ्यूमिगेट किया गया था. जीका वायरस से संक्रमित मरीज मूल रूप से नासिक का रहने वाला है और वह 6 नवंबर को पुणे आया था. इससे पहले वह 22 अक्टूबर को सूरत गया था. फिलहाल मरीज पूरी तरह से ठीक है और उसमें कोई लक्षण नहीं हैं.


क्या होता है जीका वायरस?


जीका वायरस मच्छरों से फैलने वाली एक बीमारी है. ये बीमारी एडीज मच्छर के काटने से ही फैलती है. ये मच्छर दिन के समय ही ज्यादा एक्टिव होते हैं. इस वायरस से होने वाला संक्रमण खतरनाक होता है और मरीज के अस्पताल में भर्ती होने की भी नौबत भी आ सकती है.


ये हैं जीका वायरस से संक्रमण के लक्षण


एडीज एल्बोपिक्ट्स और एडीज इजिप्टी से जीका वायरस फैलने का खतरा होता है. जीका वायरस से संक्रमित होने पर बुखार और मलेरिया के मिले-जुले लक्षण नज़र आते हैं. यह वायरस एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में तेजी से फैलता है. ऐसे में संक्रमित व्यक्ति से करीब 3 हफ्ते तक दूरी बनाकर रखना जरूरी होता है. 


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