नई दिल्ली: जेएनयू में छात्रों के साथ हुई मारपीट से देशभर के लोगों में आक्रोश है. जेएनयू में नकाबपोशों की गुंडागर्दी के खिलाफ पुणे से लेकर इलाहाबाद तक छात्रों ने जमकर प्रदर्शन किया. जेएनयू में तोड़फोड़, हंगामे और हिंसा के खिलाफ देशभर में छात्र सड़कों पर उतर रहे हैं और जेएनयू में छात्रों के साथ हुए अत्याचार पर सवाल उठा रहे हैं.


पुणे के फिल्म और टेलीविजन संस्थान से लेकर अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी, IIT बॉम्बे और जाधवपुर यूनिवर्सिटी के छात्रों ने जेएनयू का समर्थन किया.. और गुड़ों पर कार्रवाई की मांग की. मुंबई के गेटवे ऑफ इंडिया पर भी अलग अलग संस्थानों के छात्रों ने देर रात प्रदर्शन शुरू किया जो अभी भी जारी है.


अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के प्रदर्शनकारी छात्रों के प्रवक्ता ने बताया कि जेएनयू में नकाबपोश हथियारबंद बदमाशों द्वारा छात्रों के साथ मारपीट किए जाने की घटना में पीड़ित छात्रों के साथ सहानुभूति जताने के लिए एएमयू में विरोध मार्च किया गया। इस बीच, एएमयू टीचर्स एसोसिएशन ने जेएनयू में हुई हिंसा की कड़ी निंदा की।


देश के सबसे प्रतिष्ठित शिक्षण संस्थान जेएनयू में कल रात हुई हिंसा से पूरा देश हैरान है. लाठी डंडों और लोहे की सरिया लेकर आए नकाबपोश गुंडों ने जिस तरीके से छात्रों को पीटा, गर्ल्स हॉस्टल में घुसकर लड़की पर हमले किए. प्रोफेसर्स के साथ मारपीट की गई. कैंपस में बाहरी गुंडों की ये बर्बरता कई घंटे तक चलती रही.


सोशल मीडिया पर जब जेएनयू के छात्रों ने मदद की गुहार लगाई तो हमले की खबर जंगल में आग की तरह फैली. बड़ी संख्या में लोग जेएनयू के मेन गेट के सामने जमा हो गए, कुछ लेफ्ट के समर्थन में तो कुछ आरएसएस की छात्र इकाई ABVP के समर्थन में.


जेएनयू छात्र संघ ने ABVP पर गुंडे बुलाने का आरोप लगाया तो ABVP ने लेफ्ट के छात्रों पर नकाब पहनकर हमला करने का इल्जाम लगाया. दोनों तरफ के छात्रों के जख्मी होने की तस्वीरें सामने आई है.


हालात हाथ से निकलते देख जेएनयू प्रशासन ने पुलिस को कैंपस में बुलाया. होम मिनिस्टर से लेकर वित्त मंत्री तक ने कार्रवाई का भरोसा दिया लेकिन अब तक ना तो हमले को कोई आरोपी पकड़ा गया है ना किसी से खिलाफ नामजद मुकदमा दर्ज किया गया. मामले की जांच की जिम्मेदारी दिल्ली पुलिस की डीसीपी शालिनी सिंह को सौंपी गई है.