नई दिल्ली:  डेरा सच्चा सौदा के मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने आरंभिक जांच का मामला दर्ज कर लिया है. जांच की जा रही है कि कहीं डेरे के जरिए काले धन को सफेद करने का काम तो नहीं किया जा रहा था. साथ ही डेरे की तरफ से बनाई गई फिल्मों और उनके बड़े दानदाताओं की भी जांच की जा रही है. ईडी जल्दी ही डेरे के सीए, सीएफओ और आडिटर समेत अनेक लोगों से पूछताछ करने जा रहा है. उधर आयकर विभाग ने भी इस मामले में जांच के लिए टीम गठित कर दी है.


प्रवर्तन निदेशालय और आयकर विभाग ने शुरु की जांच

बाबा राम रहीम के डेरा सच्चा सौदे की हरियाणा दिल्ली समेत अनेक शहरों में हजारों करोड़ रुपये की प्रापर्टी है. बाबा का सिरसा में बना आश्रम ही सैकड़ों एकड़ में फैला हुआ है. इसके अलावा बाबा के इस आश्रम में कई फैक्ट्रियां और सिनेमाघर भी हैं. पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट के आदेश पर अब प्रवर्तन निदेशालय और आयकर विभाग ने अपनी जांच शुरु की है. बाबा ने करोड़ों रुपये के बजट की अनेक फिल्में भी बनाई हैं, जिनमें हनीप्रीत भी शामिल है.

फेमा और मनी लांड्रिग दोनों के तहत जांच करेगा ईडी

ईडी सूत्रों के मुताबिक, इस मामले में ईडी की भाषा में टी वन यानि आरंभिक जांच का मामला दर्ज किया गया है. इसके तहत ईडी डेरा के बारे में फेमा और मनी लांड्रिग दोनों के तहत जांच करेगा. ईडी के एक आलाअधिकारी ने कहा कि इस संबंध में दस्तावेज संबंधित विभागों से मांगे जा रहे हैं और जल्द ही पूछताछ का सिलसिला शुरू हो जायेगा.

ईडी ने इस मामले में आयकर विभाग और राजस्व विभाग समेत अनेक विभागों से दस्तावेज तलब किए हैं. साथ ही बैकों से भी डेरे के खातों की बाबत जानकारी मांगी गई हैं. ईडी इस मामले में डेरे के अनेक अधिकारियों को भी पूछताछ के लिए बुलाने जा रहा है.

बड़े दानदाताओं और विदेशी चंदे की भी होगी जांच

प्रवर्तन निदेशालय डेरे की तरफ से बनाई गई फिल्मों और उनके बड़े दानदाताओं के खातों की भी जांच करेगा, जिससे यह पता चल सके कि जिन पैसों से डेरे की हजारों करोड़ रुपये की प्रापर्टी बनी और बड़े पैमाने पर ऐय्याशी का सामान और फिल्में बनाई गई वो पैसा आया कहां से था. साथ ही डेरे को मिलने वाले विदेशी चंदे की भी जांच की जायेगी.

डेरे में कहीं काले धन को सफेद करने का काम तो नहीं किया जा रहा था

सूत्रों के मुताबिक, आयकर विभाग और ईडी दोनो डेरे को मिलने वाले चंदे और खर्चे की अपने अपने तरीके से जांच कर रहे हैं, जिससे यह पता चल सके कि कहीं डेरे के जरिए काले धन को सफेद करने का काम तो नहीं किया जा रहा था. साथ ही आयकर विभाग यह जांच भी कर रहा है कि डेरे को धर्म के नाम पर चंदे से जो छूट मिली हूई थी, कहीं उसका दुरूपयोग तो नहीं किया जा रहा था, क्योंकि धर्म के नाम पर मिलने वाली छूट के तहत ऐय्याशी के सामान और फिल्में नहीं बनाई जा सकती.

नियमित मुकदमा दर्ज कर सकता है ईडी

जांच के दौरान यह भी देखा जायेगा कि बाबा ने हनीप्रीत समेत अनेक लोगों को गिफ्ट के नाम पर जो महंगी ज्वैलरी या अन्य सामान दिया है, वो पैसा कहां से आया था और क्या उस पैसे पर भी छूट ली गई थी? मामले में अहम सबूत मिलने पर ईडी कोर्ट में रिपोर्ट पेश करने के बाद नियमित मुकदमा भी दर्ज कर सकता है.