Ministry Of Home Affairs: भारतीय जांच एजेंसी (NIA) ने अंडरवर्ल्ड़ डॉन दाऊद इब्राहिम और छोटा शकील समेत डी कंपनी (D-Company) के सात लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है. जांच एजेंसी का दावा है कि ये लोग भारत में हो रही आतंकी गतिविधियों में संलिप्त हैं. इनका कनेक्शन पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद, जमात-उद-दावा और आलकायदा जैसे आतंकी संगठनों से है.


दाऊद को 1993 के बम ब्लॉस्ट का मास्टरमाइंड माना जाता है. NIA की जनसंपर्क अधिकारी ने बताया कि गृह मंत्रालय से मंजूरी मिलने के बाद सभी आरोपियों पर UAPA के तहत कार्रवाई की जायेगी. मिली जानकारी के मुताबिक यूएपीए की विभिन्न धाराओं के तहत केस दर्ज किया गया है.


छोटा शकील, जावेद चिकना के साथ मिलकर दाऊद ने खड़ा किया था अपना नेटवर्क


NIA के मुताबिक भारत में कई स्थानों पर छोटा शकील, जावेद चिकना, इकबाल मिर्ची और अन्य लोगों के साथ मिलकर दाऊद ने अपना नेटवर्क खड़ा किया था. यह लोग रसूखदार, बिजनेसमैन को अपना निशाना बनाते थे. एनआईए के अधिकारियों ने बताया कि इससे पहले भारत भर में हुई कई राष्ट्र विरोधी गतिविधियों में दाऊद की संलिप्तता के बारे में हमारे साथ जानकारी साझा की गई थी.


सोशल मीडिया के जरिये कर रहा है बातचीत


वह भारत में लोगों को भर्ती कर रहा है और भर्ती किये गये लोग दाऊद की देश में दंगा जैसी स्थिति पैदा करने में मदद कर रहे हैं. एनआईए ने जानकारी दी है कि दाऊद भारत में अपने गुर्गों से बातचीत करने के लिये सोशल मीडिया का सहारा लेता है. एजेंसी ने इनमें से कुछ संवादों को इंटरसेप्ट भी किया है. एनआईए ने अपनी जांच में पाया कि देश में आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने के लिये एक बड़ी साजिश रची जा रही है. 


NIA ने दाऊद के सहयोगी को यूएई से किया था गिरफ्तार


पिछले दिनों भारतीय जांच एजेंसी ने 1993 के बम ब्लॉस्ट को मोस्ट वांटेड आतंकी अबु वक्र को यूएई से गिरफ्तार कर एक बड़ी सफलता हासिल की है. यह गिरफ्तारी यूएई की एजेंसियों के सहयोग से की गई है. रिपोर्टस के मुताबिक, जल्द ही अबु वक्र को अब भारत लाया जायेगा. अबु वक्र को दाऊद का करीबी माना जाता है. उसकी गिरफ्तारी के लिये जांच एजेंसियां काफी दिनों से प्रयास कर रहीं थी. उसके काफी दिनों से पाकिस्तान और यूएई में छिपे होने की जानकारी मिल रही थी.


आईएसआई ने दाऊद और उसके गिरोह का किया था इस्तेमाल


पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई ने उसके गिरोह का इस्तेमाल करके मुंबई को दहलाया था और बदले में दाऊद को कराची में शरण दी थी.12 मार्च 1993 की काली तारीख मुंबई कभी नहीं भूल सकती. एक के बाद एक 13 बम धमाकों ने शहर को दहला दिया था. 257 लोगों की जान गई थी और 750 लोग घायल हुए थे.


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