उस्मान हादी की मौत के बाद बांग्लादेश एक बार फिर जल उठा है. एक साल बाद फिर ढाका सहित कई जिलो में अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसा बढ़ गई है. मैमनसिंह शहर में एक कारखाने में काम करने वाले हिंदू युवक दीपू चंद्र दास की भीड़ ने पीटकर हत्या कर दी और उसके शव को आग लगा दी गई. इस घटना पर चिंता जताते हुए कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी ने कहा कि भारत सरकार को वहां के अल्पसंख्यकों के खिलाफ बढ़ती हिंसा का संज्ञान लेना चाहिए और इस विषय को बांग्लादेशी सरकार के समक्ष मजबूती से उठाना चाहिए.

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भारत सरकार को संज्ञान लेना चाहिए: प्रियंका गांधी

प्रियंका गांधी ने एक्स पर पोस्ट कर लिखा, 'बांग्लादेश में हिंदू युवक दीपू चंद्र दास की भीड़ द्वारा बर्बरतापूर्ण हत्या का समाचार अत्यंत चिंताजनक है. किसी भी सभ्य समाज में धर्म, जाति, पहचान आदि के आधार पर भेदभाव, हिंसा और हत्या मानवता के खिलाफ अपराध है.' उन्होंने कहा कि भारत सरकार को पड़ोसी देश में हिंदू, ईसाई और बौद्ध अल्पसंख्यकों के खिलाफ बढ़ती हिंसा का संज्ञान लेना चाहिए और बांग्लादेश सरकार के समक्ष उनकी सुरक्षा का मुद्दा मजबूती से उठाना चाहिए.

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दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा: बांग्लादेश सरकार

अंतरिम सरकार ने शुक्रवार (19 दिसंबर 2025) को एक बयान में मैमनसिंह शहर में हिंदू समुदाय के व्यक्ति की पीटकर हत्या किये जाने की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि नए बांग्लादेश में ऐसी हिंसा के लिए कोई जगह नहीं है. सरकार ने कहा, 'इस जघन्य अपराध के दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा.' पुलिस ने बताया कि दास को पहले 18 दिसंबर की रात कारखाने के बाहर भीड़ ने ईशनिंदा के आरोपों को लेकर पीटा और फिर एक पेड़ से लटका कर आग लगा दी.

हिंदू युवक की हत्या के बाद बांग्लादेश में फैला तनाव

बांग्ला ट्रिब्यून की रिपोर्ट के मुताबिक पुलिस ने बताया, 'घटना के बाद, आक्रोशित भीड़ ने मृत व्यक्ति के शव को ढाका-मैमनसिंह राजमार्ग के किनारे छोड़ दिया और उसे आग लगा दी. इससे राजमार्ग के दोनों ओर यातायात जाम हो गया. पुलिस ने शव बरामद कर पोस्टमार्टम के लिए मैमनसिंह मेडिकल कॉलेज भेज दिया. इस घटना से इलाके में तनाव फैल गया और पुलिस स्थिति को नियंत्रण में लाने की कोशिश कर रही है.'

बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने कहा, 'हम हिंसा, धमकी, आगजनी और संपत्ति को नष्ट करने के सभी कृत्यों की कड़ी निंदा करते हैं. इस नाजुक घड़ी में हम हर नागरिक से हिंसा, उकसावे और नफरत को खारिज करके उस्मान हादी को याद करने का आह्वान करते हैं.'