नई दिल्ली: बदलते वक्त में शिक्षा के क्षेत्र में लगातार परिवर्तन देखने को मिल रहा है. लोगों के बीच शिक्षा को लेकर जागरुकता बढ़ी है. लेकिन वहीं दूसरी तरफ प्राईवेट स्कूलों की लगातार बढ़ती फीस ने बच्चों के माता-पिता की कमर तोड़ दी है.


अंग्रेजी अखबार द टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक पिछले चार सालों में स्कूलों की फीस में लगभग 103 प्रतिशत की उछाल आई है. रिपोर्ट में यहां तक कहा गया है कि साल 2012 के बाद से तो कुछ स्कूलों की फीस दोगुनी हो गई है. पहली क्लास से पांचवी क्लास के लिए सीबीएसई स्कूलों की फीस में 100 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी हुई है, वहीं दूसरी क्लास के बच्चों की फीस में 108 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी दर्ज की गई है.


खबरों के मुताबिक तेलंगाना बोर्ड के स्कूलों में पिछले चार सालों में 60 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी दर्ज की गई है. बढ़ती फीस को लेकर बच्चों के माता-पिता काफी चिंतित रहे हैं. साल 2009 में हैदराबाद स्कूल पैरेंट एसोशिएसन ने बढ़ती फीस की शिकायतों को लेकर कोर्ट का दरवाजा भी खटखटाया था, लेकिन उन्हें खास सफलता नहीं मिली. हालांकि अब जाकर तेलांगना के स्कूलों की फीस पर लगाम लगाने की तैयारी हो रही है. तेलंगाना स्कूल एजुकेशन कमिश्नर ने बताया कि हम अगले एकेडमिक ईयर से डीआरएफसी (डिस्ट्रीक फी रेगुलेटरी कमेटी) को लागू करने का प्लान बना रहे हैं.


इन तमाम मामलों पर बात करते हुए एक इंटरनेशनल स्कूल के प्रिंसिपल का कहना है कि वो बच्चों को पढ़ाने के अलावा घुड़सवारी और तैराकी जैसे कई और एकस्ट्रा एक्टिविटी सिखाते है, इन सब संसाधनों के लिए पैसे की जरुरत होती है. माता-पिता जहां एक तरफ अपने बच्चों को हर तरह से काबिल बनाना चाहते है, वहीं दूसरी तरफ वे फीस को लेकर भी शिकायत करते हैं. प्रिंसिपल ने कहा कि हमें बच्चों को इस तरह के एक्सट्रा एक्टिविटी सिखाने के लिए हमें अपने संसाधनों पर खर्च करना होता है और सैलरी भी मेनटेन करनी होती है.