प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 10 दिसंबर को नए संसद भवन की आधारशिला रखेंगे. इस बात की जानकारी लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने शनिवार को दी. इसी दिन पीएम मोदी भूमि पूजन भी करेंगे. दिसंबर में नए संसद भवन के निर्माण का कार्य शुरू हो जाएगा और 2022 के अक्टूबर तक इसके पूरा होने की उम्मीद है. नए संसद भवन का निर्माण करीब 60 हजार स्क्वायर मीटर में किया जाएगा. नई बिल्डिंग में संयुक्त शासन चलने पर भी 1224 सांसदों की बैठने की व्यवस्था होगी.


स्पीकर ओम बिरला ने बताया कि नई बिल्डिंग में लोकसभा सदस्यों के लिए 888 सीट के बैठने की क्षमता होगी जबकि ऊपरी सदन राज्यसभा में बैठने की क्षमता 326 सीटों की होगी. इसमें सभी सांसदों के लिए अलग से कार्यालय होंगे और यह लेटेस्ट डिजिटल तकनीक से लैस होगा, जिसे पेपरलेस ऑफिस की दिशा में एक कदम कहा जा सकता है.





नई बिल्डिंग में भी 3 फ्लोर होंगे
सूत्रों के मुताबिक, इसमें 16921 वर्ग मीटर का इलाका अंडरग्राउंड भी होगा. नई बिल्डिंग में भी 3 फ्लोर होंगे जिसमें से एक ग्राउंड फ्लोर जबकि 2 मंजिल उसके ऊपर होंगे. भवन का डिजाइन त्रिकोणीय होगा जिसका नजारा आसमान से देखने पर तीन रंगो की किरणों वाला होगा. सांसदों के बैठने की व्यवस्था और सीटिंग अरेंजमेंट ज्यादा आरामदायक होगा. टू सीटर बैंच होगी यानी कि एक टेबल पर दो सांसद ही बैठ सकेंगे. नए संसद भवन में भी बड़ा कांस्टीट्यूशन हॉल, सांसदों के लिए लांज, एक लाइब्रेरी, कमेटी रूम, डाइनिंग एरिया और पार्किंग स्पेस होगा.


नए संसद भवन का निर्माण तकरीबन 850 करोड़ रुपये की लागत से होगा. यह संसद भवन की मौजूदा संसद भवन परिसर में ही निर्मित किया जाएगा. 2022 तक इस नए संसद भवन को पूरा करने की महत्वाकांक्षी योजना है ताकि जब भारत आजादी का 75वां साल मना रहा हो तो सरकार नए संसद भवन में बैठकर आजादी की 75 वीं वर्षगांठ मना सके.


नए संसद परिषद की खासियत ये है कि इसको डिजाइन करने वाले विमल पटेल गुजरात के अहमदाबाद के रहने वाले हैं. पटेल ही सेंट्रल विस्टा की रीडिजाइनिंग भी कर रहे हैं. नए संसद भवन में एक राउंड भी होगा. सूत्रों के मुताबिक नई बिल्डिंग की डिजाइन में लोकसभा राज्यसभा और एक खुला आंगन होगा. जिसके चारों ओर एक लॉन्च होगा. इसमें कई दिलचस्प प्रयोग भी दिख सकते हैं.