Independence Day 2023: विपक्षी दलों ने मंगलवार (15 अगस्त) को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वतंत्रता दिवस संबोधन को खारिज करते हुए इसे झूठ और खोखले वादों से भरा चुनावी भाषण करार दिया. उन्होंने दावा किया कि यह पीएम मोदी का लाल किले की प्राचीर से विदाई भाषण है. कांग्रेस ने कहा कि स्वतंत्रता दिवस पर देश को एकजुट करने के बजाय प्रधानमंत्री ने केवल अपनी छवि की बात की और आगे की चुनौतियों को स्वीकार नहीं किया.


अगले साल लाल किले पर ध्वजारोहण करने और अपनी उपलब्धियों का रिपोर्ट कार्ड देने संबंधी प्रधानमंत्री के दावे पर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि अगले वर्ष मोदी अपने आवास पर ही झंडा फहराएंगे. उन्होंने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री के इस दावे में अहंकार दिखाई देता है कि अगले साल वह फिर लाल किले से देश को संबोधित करेंगे.


जयराम रमेश ने बताया 'बेतुका चुनावी भाषण'
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने एक बयान में आरोप लगाया, ''15 अगस्त 2023 को लोगों को यह बताने के बजाय कि उनकी सरकार ने पिछले नौ वर्षों में क्या हासिल किया है, प्रधानमंत्री मोदी ने झूठ, और खोखले वादों से भरा एक बेतुका चुनावी भाषण दिया.''  


अगले साल फिर राष्ट्र को संबोधित करूंगा- पीएम मोदी
प्रधानमंत्री मोदी ने मंगलवार को विश्वास जताया कि वह अगले साल लाल किले की प्राचीर से एक बार फिर राष्ट्र को संबोधित करेंगे और जनता से किए गए वादों की प्रगति को उनके सामने रखेंगे. लाल किले की प्राचीर से 77वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर राष्ट्र को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, ''अगली बार 15 अगस्त को इसी लाल किले से मैं आपको देश की उपलब्धियां, आपके सामर्थ्य, आपके संकल्प, उसमें हुई प्रगति, उसकी सफलता और गौरवगान... पूरे आत्मविश्वास के साथ आपके सामने प्रस्तुत करूंगा.''


अगले साल घर में फहराएंगे झंडा- मल्लिकार्जुन खरगे
प्रधानमंत्री के संबोधन के बाद कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने संवाददाताओं से कहा, ''हर आदमी यही कहता है कि बार-बार जीतकर आऊंगा, लेकिन हराना-जिताना मतदाताओं के हाथ में है. वह अगले साल झंडा फहराने की बात कर रहे हैं, यह अहंकार है.'' उन्होंने तंज कसते हुए कहा, ''वह (प्रधानमंत्री) अगले साल झंडा फहराएंगे, लेकिन अपने घर पर .''


पीएम मोदी ने विदाई भाषण दिया- AAP
इस बीच आम आदमी पार्टी (AAP) ने दावा किया कि पीएम मोदी ने लाल किले की प्राचीर से अपना विदाई भाषण दिया है. 'आप' नेता सौरभ भारद्वाज ने कहा, ''मेरा मानना है कि यह प्रधानमंत्री मोदी का विदाई भाषण था. उन्होंने पिछले 10 साल में किए गए सभी कार्यों को गिनाने की कोशिश की. उसमें उल्लेख करने लायक कुछ नहीं था.''


नाकाम रहे पीएम मोदी- आतिशी
'आप' की वरिष्ठ नेता और दिल्ली की मंत्री आतिशी ने कहा, ''किसी को प्रधानमंत्री के 10 साल के रिपोर्ट कार्ड को समझने के लिए उनके भाषण को सुनने की जरूरत नहीं है. उनके काम से साफ है कि वह नाकाम रहे हैं.'' तृणमूल कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य डेरेक ओ ब्रायन ने सरकार को चुनौती दी कि यदि वह वंशवाद की राजनीति के खिलाफ है तो 'प्रति परिवार एक व्यक्ति विधेयक' लाए. 


वामदलों ने ये कहा
वहीं, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के महासचिव सीताराम येचुरी ने एक्स (ट्विटर) पर अपनी पोस्ट में भारत की अर्थव्यवस्था, मानव विकास सूचकांक और नवजात मृत्यु दर की तुलना अन्य देशों से करते हुए सरकार पर निशाना साधा. इसके अलावा भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के सांसद बिनय विश्वम ने मोदी के भाषण को राजनीतिक और जुमलेबाजी करार दिया.


योगी आदित्यनाथ की ओर देखें पीएम- अखिलेश यादव
समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि पीएम मोदी को परिवारवाद की बात करते समय सबसे पहले उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की ओर देखना चाहिए. यादव का इशारा आदित्यनाथ के गोरखपुर की गोरक्षपीठ के महंत भी होने की ओर माना जा रहा है.


पीएम के बयान में अहंकार- तेजस्वी यादव
बिहार के उपमुख्यमंत्री और राष्ट्रीय जनता दल (RJD) नेता तेजस्वी यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के इस बयान से अहंकार की बू आती है कि वह अगले साल लाल किले से तिरंगा फहराएंगे. उन्होंने कहा, ''प्रधानमंत्री भूल गए हैं कि कुछ भी स्थायी नहीं होता. देश ने अनेक शासक देखे हैं और सभी किसी न किसी तरह सत्ताविहीन हो गए. प्रधानमंत्री को लगता है कि वह इस सबसे मुक्त हैं.'' 


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