Presidential Election: भारत में 17वें राष्ट्रपति के लिए जुलाई महीने में चुनाव होने वाले हैं. देश के वर्तमान राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का कार्यकाल 25 जुलाई 2022 को खत्म होने वाला है. रामनाथ कोविंद के कार्यकाल समाप्त होने से पहले 17वें राष्ट्रपति का चुनाव संपन्न हो जाएगा. वहीं, इस चुनाव को लेकर राजनीतिक सरगर्मियां अभी से शुरू हो गई है.


देश के 17 राज्यों में बीजेपी की सरकारें हैं. राष्ट्रपति चुनाव के लिए बहुमत का आंकड़ा 5 लाख 46 हजार 320 है. बीजेपी के पास 4 लाख 65 हजार 797 वोट हैं और सहयोगी दल के पास 71 हजार 329 वोट हैं. इन दोनों आकड़ों को मिला दिया जाए तो एनडीए के पास 5 लाख 37 हजार 126 वोट हैं जो बहुत से 9 हजार 194 वोट कम हैं. 


आइये जानते हैं कैसे होता है राष्ट्रपति चुनाव


इन चुनावों में देश की जनता प्रत्यक्ष रूप से मतदान नहीं करती. जनता के द्वारा चुने गए सांसद और विधायक मतदान इन चुनावों में भाग लेते हैं. इन चुनावों में राज्यसभा सासंद, लोकसभा सांसद और विधायकों को वोट देने का अधिकार होता है. हालांकि, विधान पार्षदों और नामित व्यक्तियों को वोट करने का अधिकार नहीं होता. 


राष्ट्रपति चुनाव में मतदान करते वक्त विधाय और सांसद अपने बैलेट पेपर पहले ही बता देते हैं. इसमें वो अपनी पहली पसंद, दूसरी पसंद और तीसरी पसंद का जिक्र करते हैं. इसके बाद पहली पसंद के वोट गिने जाते हैं. अगर पहली पसंद का उम्मीदवार जीत के लिए जरूरी वेटेज हासिल कर लेता है तो उसकी जीत हो जाती है वहीं अगर ऐसा नहीं होता तो दूसरी और फिर तीसरी पसंद का वोट गिना जाता है. 


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