Presidential Election 2022: आदिवासी राज्य छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) में राष्ट्रपति पद के लिए आदिवासी महिला प्रत्याशी को कांग्रेस से समर्थन न देने पर सियासत शुरू हो गई है. देश में आजादी के बाद पहली बार किसी आदिवासी महिला राष्ट्रपति पद के लिए बड़ी दावेदारी पेश की है. एनडीए की तरफ से राष्ट्रपति उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू (Draupadi Murmu) के समर्थन में छत्तीसगढ़ के जोगी कांग्रेस और बसपा ने समर्थन दे दिया है. अब बीजेपी (BJP) और जोगी कांग्रेस सत्ताधारी पार्टी कांग्रेस (Congress) से सवाल पूछ रही है कि आप आदिवासी का समर्थन क्यों नहीं कर रहे हैं?. 


छत्तीसगढ़ एक आदिवासी बहुल राज्य है. यहां की लगभग 32 फीसदी जनसंख्या आदिवासी है. राज्य की 90 में से 29 विधायक आदिवासी हैं. लोकसभा के 11 में से 4 सीट आदिवासी समाज के लिए आरक्षित है. ऐसे में बीजेपी छत्तीसगढ़ के सभी विधायकों से आदिवासी द्रौपदी मुर्मू का समर्थन करने की मांग उठा रही है.


आदिवासी राज्य में राष्ट्रपति चुनाव को लेकर सियासत


कांग्रेस विपक्ष के राष्ट्रपति उम्मीदवार यशवंत सिन्हा के समर्थन में है. इस लिहाजा आदिवासी बहुल राज्य के नाम पर बीजेपी और अन्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस पर आक्रामक हो गई है. जोगी कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अमित जोगी ने द्रौपदी मुर्मू का पूरा समर्थन किया है. उन्होंने कांग्रेस पर 60 साल के सरकार में आदिवासियों को नकारने का आरोप लगाया है. उन्होंने शुक्रवार को मीडिया से बातचीत में आरोप लगाया कि कांग्रेस की दृष्टि में देश का जो आदिवासी है, वो तीसरे दर्जे के नागरिक के समान है.


बीजेपी का कांग्रेस पर हमला


छत्तीसगढ़ में आदिवासी समाज के सभी विधायकों से बीजेपी ने टेलीफोनिक बात कर समर्थन मांगा. बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदेव साय ने एबीपी न्यूज से कहा है कि कांग्रेस पार्टी को अपने विधायकों को स्वतंत्र रूप से वोट करने देना चाहिए. हमने सभी अनुसूचित जनजाति के विधायकों से बात की है. सभी ने आशीर्वाद दिया है, लेकिन राजनीतिक कारणों से बंधे होने के कारण वोट नहीं दे रहें हैं. उन्होंने आगे कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि जो आदिवासी समाज के विकास की बात करते हैं, उनको राजनीति से हट कर समर्थन करना चाहिए. उन्हें अपने अंतरात्मा की आवाज सुननी चाहिए. 


कांग्रेस ने किया पलटवार


उधर, कांग्रेसी विधायक रामकुमार यादव ने बीजेपी की राष्ट्रपति उम्मीदवार को समर्थन देने की मांग पर पलटवार किया है. उन्होंने कहा है कि हमारा समर्थन यूपीए उम्मीदवार यशवंत सिन्हा को है. वो देश को सही दिशा की तरफ लेकर जाएंगे, लेकिन बीजेपी इसपर भी राजनीति करती है. चुनाव में मुख्यमंत्री सामान्य वर्ग से बनाते हैं और वोट आदिवासियों के नाम पर मांगते हैं. हमारे छत्तीसगढ़ में मंत्री कवासी लखमा आदिवासी हैं, प्रदेश अध्यक्ष आदिवासी हैं और राज्यसभा सांसद फुलोनदेवी नेताम आदिवासी. कांग्रेस पार्टी जाति धर्म की राजनीति नहीं करती है.


छत्तीसगढ़ का राजनीतिक समीकरण


राजनीतिक समीकरण की बात करें तो छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) में 90 विधानसभा सीट है, जिसमें से 71 विधायक कांग्रेस के हैं. बीजेपी, जोगी कांग्रेस और बहुजन समाज पार्टी से 19 विधायक हैं. इस लिहाजा यूपीए के राष्ट्रपति उम्मीदवार यशवंत सिन्हा (Yashwant Sinha) को विधायको का वोट वेल्यू ज्यादा मिलेगा. वहीं सांसदो की बात करें तो छत्तीसगढ़ में 11 लोकसभा (Lok Sabha) सीट है. इसमें दो कांग्रेस के और बाकी 9 बीजेपी के सांसद हैं. इसके अलावा सिर्फ बीजेपी के विधायकों की बात करें तो उनके केवल 14 विधायक छत्तीसगढ़ में हैं.


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