President Rule In Manipur: मणिपुर में जारी राजनीतिक अस्थिरता और हिंसा के बीच आखिरकार राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू कर दिया गया है. मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह के इस्तीफे के बाद राज्य की राजनीति में नया मोड़ आ गया है. विपक्षी दल, खासतौर पर कांग्रेस, ने इसे बीजेपी सरकार की असफलता करार दिया है.

कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने इस फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए बीजेपी पर जोरदार हमला बोला. उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट करते हुए कहा, "मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लागू करना भाजपा द्वारा मणिपुर में शासन करने में अपनी पूर्ण अक्षमता की देर से की गई स्वीकारोक्ति है." उन्होंने आगे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए पूछा कि अब क्या पीएम मोदी मणिपुर का दौरा करेंगे और शांति बहाली के लिए कोई ठोस योजना प्रस्तुत करेंगे?

बीरेन सिंह के इस्तीफे से बदले सियासी समीकरणमणिपुर में 21 महीनों से जारी हिंसा और राजनीतिक उथल-पुथल के बाद मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने आखिरकार रविवार को इस्तीफा दे दिया. हालांकि, इस्तीफे से पहले उनकी पार्टी बीजेपी के भीतर ही बगावत के सुर उठने लगे थे.

मणिपुर विधानसभा भंग करने का आदेशबीरेन सिंह के इस्तीफे के बाद बीजेपी को नए मुख्यमंत्री के चयन की चुनौती का सामना करना पड़ रहा है. सूत्रों के मुताबिक, अगले दो दिनों में नए मुख्यमंत्री के नाम की घोषणा हो सकती है. राज्य में अविश्वास प्रस्ताव की तैयारी के कारण भी बीजेपी पर दबाव था. मणिपुर के राज्यपाल अजय कुमार भल्ला ने अनुच्छेद 174(1) के तहत विधानसभा को भंग करने का आदेश दिया. यह आदेश मणिपुर विधानसभा सचिव के मेघजीत सिंह द्वारा जारी किया गया. गौरतलब है कि 12वीं मणिपुर विधानसभा का 7वां सत्र बुलाया गया था, लेकिन मुख्यमंत्री के इस्तीफे के कारण यह सत्र शुरू नहीं हो पाया.

कांग्रेस ने पहले ही अविश्वास प्रस्ताव लाने की घोषणा कर दी थी. साथ ही, नेशनल पीपुल्स पार्टी (एनपीपी) ने सरकार से समर्थन वापस ले लिया था, जिससे राजनीतिक अस्थिरता और बढ़ गई. बीजेपी के पास बहुमत था, लेकिन करीब 12 विधायक मुख्यमंत्री परिवर्तन के पक्ष में थे. इन विधायकों के अविश्वास प्रस्ताव में बीरेन सिंह के खिलाफ मतदान करने की संभावना थी. अब सवाल यह उठता है कि मणिपुर की राजनीति में आगे क्या होगा? हालांकि पार्टी जल्द ही नए मुख्यमंत्री का चयन कर सकती है. केंद्रीय नेतृत्व यह तय करेगा कि राज्य में स्थायी सरकार बनेगी या राष्ट्रपति शासन लंबे समय तक लागू रहेगा.

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