नई दिल्ली: नागरिकता संशोधन विधेयक (सीएबी) को आज लोकसभा में गृहमंत्री अमित शाह ने पेश किया. इसके बाद सदन में बिल पर चर्चा शुरू हुई. इस बिल का लोकसभा में एनडीए की सहयोगी पार्टी जनता दल युनाइटेड (जेडीयू) ने समर्थन किया है. इसके बाद अब जेडीयू में सबकुछ ठीक है ऐसा लग नहीं रहा है और इस बात को पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर के ट्वीट से बल मिला है. उन्होंने ट्वीट करते हुए कहा है कि वह इस बिल पर पार्टी के समर्थन को देखकर निराश हैं.


जेडीयू के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष ने कहा कि वह निराश है कि जेडीयू ने नागरिकता संशोधन विधेयक का समर्थन किया है जो धर्म के आधार पर नागरिकता देती है. उन्होंने कहा कि यह पार्टी के संविधान के खिलाफ है जिसके पहले ही पन्ने पर धर्मनिरपेक्ष शब्द तीन बार लिखा हुआ है और जिस पार्टी के नेतृत्वकर्ता गांधीजी के आदर्शों पर चलते हैं.







इससे पहले गृहमंत्री अमित शाह ने लोकसभा में बिल को पेश करते हुए कहा कि इसके पीछे कोई भी राजनीतिक एजेंडा नहीं है. उन्होंने कहा कि अरुणाचल प्रदेश, मिजोरम और नगालैंड की तरह मणिपुर को भी नागरिकता संशोधन विधेयक से छूट मिली हुई है. गृहमंत्री ने कहा कि राशन कार्ड या किसी भी दस्तावेज के बिना भी शरणार्थियों को नागरिकता दी जाएगी.


सदन में आज एक वक्त ऐसा भी आया जब एआईएमआईएम के राष्ट्रीय अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने बिल पर पार्टी का पक्ष रखते हुए बोलने के दौरान ही सीएबी बिल की कॉपी फाड़ दी. उन्होंने कॉपी फाड़ने से पहले कहा, ''महात्मा गांधी ने दक्षिण अफ्रीका में नागरिकता कार्ड को फाड़ा था और मैं आज इस विधेयक को फाड़ता हूं. इसके बाद उन्होंने विधेयक की प्रति फाड़ दी.''


असदुद्दीन ओवैसी ने लोकसभा में नागरिकता संशोधन बिल की कॉपी फाड़ी