नई दिल्ली: नागरिकता संशोधन विधेयक को आज लोकसभा में गृहमंत्री अमित शाह ने पेश किया. इसके बाद सदन में बिल पर चर्चा शुरू हुई. चर्चा में भाग लेते हुए एआईएमआईएम के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने बिल पर पार्टी का पक्ष रखा और बोलने के दौरान ही बिल की कॉपी फाड़ दी.


ओवैसी ने आरोप लगाया कि यह सरकार मुसलमानों के ‘राष्ट्रविहीन’ बनाने की साजिश कर रही है. उन्होंने यह दावा भी किया कि यह विधेयक एक बार फिर से देश के बंटवारे का रास्ता तैयार करेगा. उन्होंने बिल पर कड़ा एतराज जताते हुए कहा कि यह संविधान के खिलाफ है. असदुद्दीन ओवैसी ने कहा, ''महात्मा गांधी ने दक्षिण अफ्रीका में नागरिकता कार्ड को फाड़ा था और मैं आज इस विधेयक को फाड़ता हूं. इसके बाद उन्होंने विधेयक की प्रति फाड़ दी.''


असदुद्दीन ओवैसी ने बिल के विरोध में कहा कि इससे देश को खतरा है. उन्होंने कहा कि बिल में धर्म के आधार पर लोगों का बंटवारा किया गया है. ओवैसी यहीं नहीं रुके और आगे कहा कि देश को दोबारा से बांटने के लिए यह बिल लाया गया है.






इसके बाद सदन में सत्ता पार्टी के सांसदों ने हंगामा करना शुरू कर दिया. कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि ओवैसी संसद के वरिष्ठ सदस्य हैं और उन्होंने जो किया है वो सदन का अपमान है. बीजेपी सदस्य पीपी चौधरी ने भी कहा कि ओवैसी ने संसद का अपमान किया है.


इससे पहले गृहमंत्री अमित शाह ने बिल को पेश करते हुए कहा कि इसके पीछे कोई भी राजनीतिक एजेंडा नहीं है. उन्होंने कहा कि अरुणाचल प्रदेश, मिजोरम और नगालैंड की तरह मणिपुर को भी नागरिकता संशोधन विधेयक से छूट मिली हुई है. गृहमंत्री ने कहा कि राशन कार्ड या किसी भी दस्तावेज के बिना भी शरणार्थियों को नागरिकता दी जाएगी.


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