गुरुग्राम: आज से चार दिन पहले आठ सितंबर को गुरुग्राम के रायन इंटरनेशनल स्कूल में सात साल के छात्र प्रद्युम्न की चाकू से गला काटकर हत्या कर दी गई थी. स्कूल परिसर के अंदर इस घिनौनी वारदात ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया था. प्रद्युम्न की हत्या का आरोपी गिरफ्तार है, लेकिन इस मामले में अब भी कई सवाल हैं जिनका जवाब मिलना बाकी है.


एबीपी न्यूज से खास बातचीत में चश्मदीद सुभाष गर्ग ने बताया कि हत्या के ठीक बाद वह रायन स्कूल में मौजूद थे. उन्होंने प्रद्युम्न की खून से सने शव को भी देखा और उस कंडक्टर को भी जिसकी शर्ट पर प्रद्युम्न के खून का दाग लगा था. चश्मदीद सुभाष गर्ग का बच्चा रायन स्कूल में पढ़ता है.

'चपरासी खून से लत-पत प्रद्युम्न को उठाकर ला रहा था'

सुभाष ने बताया, ‘’ मैं उस वक्त स्कूल में टॉयलेट के पास रिसेप्शन पर खड़ा था. चपरासी खून से लत-पत प्रद्युम्न को उठाकर ला रहा था और दो-तीन क्लास टीचर रोती-रोती पीछे आ रहीं थीं. उस वक्त प्रद्युम्न के शरीर से बहुत खून बह रहा था. प्रिंसिपल उस वक्त कॉरीडोर में टहल रही थी. तभी उन्होंने ड्राइवरों को गाड़ी निकालने के लिए आवाज़ लगाई. इसके बाद एक गाड़ी में प्रद्युम्न को  हॉस्पिटल लेकर गए.''

'रिसेप्शनिस्ट ने प्रद्युम्न के पापा को पूरी बात नहीं बताई'

चश्मदीद सुभाष ने आगे बताया, ''उस वक्त प्रद्युम्न का शरीर कपड़े से ढका हुआ था. मैंने सोचा कि बच्चा शायद गिर गया है. सभी टीचर्स बुरी तरह रो रही थीं.'' उन्होंने बताया, ''घटना के बाद रिसेप्शनिस्ट ने प्रद्युम्न के घर फोन किया था. नंबर प्रद्युम्न की डायरी से निकाला गया था. जिसके बाद रिसेप्शनिस्ट ने प्रद्युम्न के पापा से बात की लेकिन उनको पूरी बात नहीं बताई. रिसेप्शनिस्ट ने उनसे कहा कि बच्चे को चोट लगी है और आप अंजू मैम से बात कर लो. वो ही बता पाएंगी.''

'मैंने रिसेप्शनिस्ट से कहा कि पुलिस को फोन करो'

सुभाष ने बताया, ''मैंने रिसेप्शनिस्ट से कहा कि आपको पूरा बात बता देनी चाहिए थी तो उन्होंने कहा मेरे अंदर हिम्मत नहीं थी. इसके बाद मैंने रिसेप्शनिस्ट को कहा कि आप पुलिस को फोन करो. लेकिन उनके पास पुलिस थाने का नंबर नहीं था तो मैंने पुलिस थाने का नबंर रिसेप्शनिस्ट को दे दिया.''

'मना करने पर भी कॉरिडोर का खून साफ कर दिया गया'

सुभाष ने आगे चौंकाने वाली बात बताई. उन्होंने बताया, ''जिस जगह ये वारदात हुई थी मैंने वहां खून साफ करने से मना कर दिया था. मैंने उस बाथरुम को भी बंद करा दिया था, लेकिन मना करने पर भी कॉरिडोर का खून साफ कर दिया गया. ''

'कंडक्टर भी बच्चे को उठाकर लाया था'

सुभाष ने बताया, ''मैंने कंडक्टर को वहां खड़ा देखा था. उसकी कमीज पर पूरा खून लगा हुआ था.'' उन्होंने बताया. ''कंडक्टर भी बच्चे को उठाकर लाया था. जब मैंने उसकी शर्ट पर खून देखा तो मैंने उससे कहा कि खून वाली शर्ट उतारना मत, लेकिन उसने मना करने के बावजूद शर्ट को धो दिया. जिसके बाद मैंने उसको बहुत डांट लगाई. मैंने डांटा तो वो बोला कि खून से बदबू आ रही थी''

'कंडक्टर बिलकुल डरा हुआ नहीं लग रहा था'

सुभाष ने यह भी बताया,  ''उसवक्त कंडक्टर बिलकुल डरा हुआ नहीं लग रहा था. इसके बाद पुलिस आई तो कंडक्टर से कोई पूछताछ नहीं की गई और किसी को उसपर कोई शक नहीं था. किसी को पता ही नहीं था कि बच्चे का मर्डर हुआ है.''