Power Crisis in Delhi: दिल्ली में केजरीवाल सरकार ने बिजली संकट (Power Crisis) का दावा किया है. दिल्ली सरकार के ऊर्जा मंत्री सत्येंद्र जैन (Satyendra Jain) ने दावा किया है कि केंद्र ने देश के सभी प्लांट का उत्पादन एकसाथ आधा कर दिया है. हम महंगी बिजली खरीदकर लोगों को दे रहे हैं. उन्होंने कहा है कि ब्लैक आउट इसपर निर्भर है कि वे (केंद्र सरकार) बिजली देंगे या नहीं. जबतक बिजली देते रहेंगे ब्लैकआउट नहीं होगा, अभी आधी दे रहे हैं.


दिल्ली में बिजली संकट और केंद्र द्वारा जारी किए गए आंकड़ों पर दिल्ली के उर्जा मंत्री सत्येन्द्र जैन ने कहा है कि हमारा ये कहना है कि केंद्र का जितना हमसे करार है, NTPC से जितना अग्रीमेंट है कि उतनी बिजली हमें दे दें. वो बड़ी चालाकी से कह रहे हैं कि आधा ही मांगा है लेकिन आपने करार से आधा ही कर दिया है तो हम मांगेंगे आधा ही.


ABP न्यूज़ से खास बातचीत में सत्येन्द्र जैन ने क्या कहा?


सत्येंद्र जैन ने कहा, ‘’सबसे बड़ा उत्पादन करने वाला एनटीपीसी है जो केंद्र के पास है एनटीपीसी ने पूरे देश के सारे प्लांट में अपना उत्पादन आधा कर दिया है. जहां 500 मेगावाट बनाते थे, वहां उन्होंने कहा कि आपको 250 मेगावाट देंगे तो 250 से ज़्यादा डिमांड कर ही नहीं सकते. जब उन्होंने कहा है कि डिमांड आप आधी ही करेंगे, तो आधी ही करेंगे उससे ज़्यादा कर नहीं सकते. हमने आधी डिमांड की तो कहते हैं की पूरी बिजली दे दी हमने. आपने कहा दिया है कि हमारी क्षमता ही आधी है. केंद्र से हमारी अपील है कि NTPC की कैपेसिटी को फुल कर दिया जाए कोई दिक्कत नहीं होगी.’’


सत्येंद्र जैन ने आगे कहा, ‘’पूरे NTPC से अगर हमें 3500 मेगावाट मिलनी है तो उसको 1750 मेगावाट कर दिया गया है. आधा करने से काम चल नहीं सकता. आधा करने की वजह से दिल्ली को मार्केट से बिजली खरीदनी पड़ रही है, वो 20 रुपए यूनिट मिलती है. बहुत महंगी गैस है, क्योंकि केंद्र सरकार ने अब कंट्रोल रेट की गैस दिल्ली को देनी बन्द कर दी है. अब हमें ₹17.25 यूनिट में गैस से बिजली पड़ती है. जिसके सारे लॉस मिलाकर ₹22-₹23 पड़ती है. जो मार्किट से हम ₹20 खरीदते हैं वो हमें ₹25 पड़ती है. ₹20-₹25 यूनिट की बिजली टिकाऊ नहीं है. दिल्ली में बिजली का औसत परचेज कॉस्ट ₹5.50-₹6.00 का है जो कि अब बढ़ गया है जो हम गैस से बना रहे हैं औए बाज़ार से खरीद रहे हैं वो बहुत महंगा है.’’


NTPC ने बताया कि उनके पास कोयला नहीं है- जैन


ऊर्जा मंत्री जैन ने आगे कहा, ‘’अगर साढ़े 4 हज़ार मेगावाट की डिमांड थी तो आधा ही हमें सामान्य रेट पर मिला और आधा महंगा मिला. पीक डिमांड कल 5500 मेगावाट थी, उसमें से लगभग 1300 मेगावाट गैस वाले प्लांट से बना रहे हैं. बाकी एक्सचेंज से खरीदनी पड़ रही है. उन्होंने लिखित में दिया है कि प्लांट की उत्पादन क्षमता आधी कर दी है. जब लिखकर ही दे दिया कि उत्पादन क्षमता आधी हो गई है तो आधी से ज़्यादा ले ही नहीं सकते.’’


सत्येंद्र जैन ने कहा, ‘’बवाना में प्लांट चल रहा है लेकिन कंट्रोल रेट की गैस शून्य मिल रही है. मार्केट रेट पर गैस मिल रही है और उससे बिजली बनाने की 1 यूनिट की कॉस्ट ₹17.25 पैसे आती है. उसके अलावा ट्रांसमिशन के ₹1.50-₹2.00 लगते हैं और ट्रांसमिशन लॉस लगते है. सबको अगर मिला लेते हैं तो ₹22-₹23 रुपए बनते हैं. ₹23 यूनिट की बिजली unsustainable है.’’


अगर फूल कैपेसिटी पर देखें 2-3 दिन का स्टॉक बचा है- जैन


सत्येंद्र जैन ने कहा, ‘’मैं बिल्कुल स्पष्ट कहना चाहता हूं कि दिल्ली में कोयले का एक भी प्लांट नहीं है, दिल्ली में हाइड्रोइलेक्ट्रिक प्लांट भी नहीं है. लेकिन बिजली जहां से हम खरीदते हैं वो NTPC के प्लांट कोयले से चलते हैं और उन्होंने बताया कि हमारे पास कोयला नहीं है. अभी टच एंड गो की स्तिथि है. NTPC अपना उत्पादन आधा करके बैठा हुआ है. किसी वजह से वो आधे से भी कम हो गया तो सब गड़बड़ हो जाएगी. आज के दिन का कह सकते हैं कल का नहीं पता. अगर फूल कैपेसिटी पर देखें 2-3 दिन का स्टॉक है, लेकिन हाफ कैपेसिटी पर डबल हो जाएगा. हाफ कैपेसिटी पर चलाने का कोई लॉजिक नहीं बनता है, आपको फुल कैपेसिटी पर चलाने को तैयार रखना चाहिए.’’


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