Poster War In Bengaluru :

  कांग्रेस के पोस्टर पर पलटवार करते हुए भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने भी एक नया पोस्टर जारी कर कांग्रेस पर निशाना साधा है. इस पोस्टर में कांग्रेस पार्टी के नेता प्रतिपक्ष और पूर्व सीएम सिद्धारमैया के साथ प्रदेश अध्यक्ष डी के शिव कुमार की भी फोटो है. इस पोस्टर के नीचे 'रेडो और ईडी' टैगलाइन लिखा हुआ है. यहां रेडो का मतलब उस कथित 600 एकड़ जमीन घोटाले से जुड़ी है, जिसमें पूर्व सीएम का नाम है और ईडी लिखने का कारण यह है कि प्रदेश अध्यक्ष पर भी ईडी की जांच चल रही है.


मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने कांग्रेस के सारे आरोपों को निराधार बताते हुए उनके इस कैंपेन को ही फर्जी और राजनैतिक बता दिया. बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष नलिन कुमार कटील ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि कांग्रेस मुख्यमंत्री पर बेबुनियाद और झूठा आरोप लगा रही है. कांग्रेस के इस आरोप से कर्नाटक राज्य का अपमान हुआ है.


कांग्रेस ने पोस्टर के जरिए साधा निशाना 

बता दें कि कांग्रेस ने अपने नए कैंपेन " PAYCM" के माध्यम से बीजेपी पर निशाना साधा था. इस कैंपेन वह मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई के चेहरे के साथ एक क्यूआर कोड को पोस्टर पर लगाई थी. इस पोस्टर के नीचे  “40 फीसदी यहां लिया जाता है” लिखा हुआ है.यह कोड पेटीएम के क्यूआर कोड से मिलता जुलता लग रहा था.इस कोड को स्कैन करने पर आप सीधे एक कांग्रेस द्वारा बनाई गई वेबसाइट पर चले जाएंगे.


बता दें कि इस क्यूआर कोड को स्कैन करने पर लोग कांग्रेस द्वारा रिश्वतखोरी की शिकायतों के लिए हाल में शुरू की गयी ‘40 प्रतिशत सरकार’ वेबसाइट पर पहुंच जाते हैं. कांग्रेस का यह आरोप था कि कर्नाटक सरकार ठेकेदारों को लोक निर्माण कार्यों के ठेके देने के लिए 40 प्रतिशत कमीशन लेती है.


 

बीजेपी कार्यालय में लगाए पोस्टर 
कांग्रेस ने यह पोस्टर बीजेपी के बेंगलुरु के पास नेलमंगला कार्यालय में भी लगाई और उसके बाद सोशल मीडिया पर भी इस पोस्टर की तस्वीरें को साझा किया.इस मामले की जानकारी मिलते ही कर्नाटक की पुलिस ने शहर में लगे सारे पोस्टर को हटा लिए और बुधवार को कांग्रेस की कर्नाटक इकाई के सोशल मीडिया दल के पूर्व प्रमुख बी आर नायडू को गिरफ्तार भी कर लिया था. पुलिस ने उनके खिलाफ वायु ( प्रदूषण निवारण और नियंत्रण ) अधिनियम,1981 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया.



कांग्रेस मुद्दा बनाना चाहती है
कांग्रेस पार्टी राज्य में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले ठेकेदार संतोष पाटिल की मौत का मुद्दा उठाने का प्रयास कर रही है, जिन्होंने इस साल की शुरुआत में उडुपी के एक होटल में खुदकुशी कर ली थी.पाटिल ने उस समय के तत्कालीन ग्रामीण विकास और पंचायती राज मंत्री के एस ईश्वरप्पा पर गंभीर आरोप लगाया था. उन्होंने कहा था कि वह अपने जिले में एक सरकारी काम के लिए 40 प्रतिशत ‘कट’ मांग रहे हैं.आरोपों के बाद ईश्वरप्पा ने इस्तीफा दे दिया था. हालांकि पुलिस की जांच में उन्हें क्लीन चिट मिल गयी थी.

 

 

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