नई दिल्ली: पंजाब नेशनल बैंक घोटाले के फरार आरोपी नीरव मोदी को बड़ा झटका लगा है. मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम कानून (पीएमएलए) कोर्ट ने उसे भगोड़ा घोषित कर दिया है. नीरव मोदी 13 हजार करोड़ रुपये के घोटाले का आरोपी है. नीरव फिलहाल ब्रिटेन की जेल में बंद है और उसकी जेल हिरासत दो जनवरी तक बढ़ी हुई है.


बता दें कि नीरव मोदी के भगोड़ा घोषित होने का मतलब है कि उसकी संपत्ति जब्त होने की कार्रवाई जल्द शुरू हो सकती है. लंदन की वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट कोर्ट में 48 साल के हीरा कारोबारी नीरव मोदी के प्रत्यर्पण को लेकर भारत की अर्जी पर मई में सुनवाई होगी.






नीरव मोदी पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) से जुड़े दो अरब डॉलर के धोखाधड़ी और धनशोधन मामले में भारत को प्रत्यर्पित किए जाने के खिलाफ मुकदमा लड़ रहा है. जमानत के लिए चौथी कोशिश के तहत नीरव ने वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट की अदालत में न्यायाधीश एम्मा अर्बथनॉट के सामने याचिका दी थी.


19 मार्च से जेल में बंद है नीरव मोदी


नीरव मोदी 19 मार्च को गिरफ्तारी के बाद दक्षिण-पश्चिम लंदन की वैंड्सवर्थ जेल में है. भारत सरकार के अनुरोध पर स्कॉटलैंड यार्ड (लंदन पुलिस) ने प्रत्यर्पण वारंट की तामील करते हुए उसे गिरफ्तार किया था..


क्या है पीएनबी मामला


पीएनबी ने 14 फरवरी 2018 को जानकारी दी कि उसके ब्रैडी हाउस ब्रांच में करीब 13 हजार करोड़ रुपये का घोटाला सामने आया है. नीरव मोदी और उनके मामा मेहुल चोकसी पर 11,500 करोड़ रुपये कर्ज लेकर उसे नहीं चुकाने का आरोप लगाया. ये कर्ज पीएनबी के लैटर ऑफ अंडरटेकिंग के जरिए लिए गए और इनके आधार पर एक्सिस बैंक और इलाहाबाद बैंक की विदेशी ब्रांचों से भी कर्ज लिया गया.


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