नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने पंजाब नेशनल बैंक के एक्स चीफ मैनेजर शैलेंद्र कुमार उपाध्याय को गिरफ्तार किया है. पुलिस के मुताबिक, साल 2013 में शैलेंद्र कुमार उपाध्याय ने पंजाब नेशनल बैंक की शाखा के मैनेजर रहते हुए कुछ लोगों के साथ मिलीभगत कर उन्हें ढाई करोड़ रुपए लोन दिया था. ये लोन बतौर कैश क्रेडिट दिया गया था. लोन के पैसे निकालने के बाद कंपनी ने बैंक का पैसा नहीं लौटाया और बाद में साल 2014 में लोन अकाउंट एनपीए हो गया.


मैनेजर ने बिना वेरिफिकेशन किया था पास


दिल्ली पुलिस के मुताबिक, बैंक ने जब जांच शुरू की तो पता चला जिस सरकी ट्रेडिंग कंपनी के नाम कैश क्रेडिट दिया गया था वह कंपनी फर्जी थी और उस कंपनी के प्रॉपर्टी के कागजात जो गिरवी रखे गए थे वे सब फ़र्ज़ी थे. साथ ही कंपनी के मालिक और गारंटर के पते भी फर्जी पाए गए. इसके बाद बैंक की तरफ से पुलिस में शिकायत दर्ज कराई गई है.


दिल्ली पुलिस ने जब जांच शुरू की तो पता चला कि बैंक मैनेजर ने बिना डॉक्यूमेंट और एड्रेस वेरिफिकेशन के ही लोन पास किया था. जिसके बाद पुलिस ने बैंक मैनेजर और फ़र्ज़ी कंपनी के मालिक अंकित सांगवान और सुनील सरकी को गिरफ्तार कर लिया.


पुलिस के मुताबिक बैंक मैनेजर शैलेन्द्र कुमार उपाध्याय बैंक के लूप होल्स औऱ सिस्टम जानते थे. जिसके बाद साजिश रचकर इन्होंने अंकित सांगवान और सुनील सरकी के साथ साजिश रची और पेशे से ट्रक ड्राइवर और कार क्लीनर सुनील के नाम बिना डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन के लोन पास कर दिया. पुलिस के मुताबिक बैंक मैनेजर ने ही लोन का पैसा लिया था. मैनेजर साहब इस तरह के छह मामलों में फिलहाल पुलिस ये पता लगा रही है कि अंकित सांगवान और सुनील सरकी की इस फ्रॉड में कितनी भूमिका थी? इन्हें मैनेजर शैलेन्द्र ने कितना पैसा दिया था?


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