अहमदाबाद: गुजरात में चुनावी माहौल के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज गांधीनगर के अक्षरधाम मंदिर जाने वाले हैं. स्वामीनारायण संप्रदाय का ये मंदिर अपनी सिल्वर जुबली मनाने जा रहा है. समारोह धार्मिक ज़रूर है लेकिन इसके सियासी मायने भी साफ़ देखे जा रहे हैं.


दरअसल, गुजरात में पाटीदार बीजेपी से नाराज चल रहे हैं और स्वामीनारायण संप्रदाय में पाटीदारों की काफी बड़ी तादाद है. इस समारोह में मोदी की मौजूदगी को पाटीदारों को पटाने की कोशिश के तौर पर देखा जा रहा है.


पाटीदारों को पटाने की कोशिश!
पाटीदार गुजरात में हमेशा से बीजेपी का वोटबैंक रहे हैं लेकिन 2015 में हार्दिक पटेल के आरक्षण आंदोलन के बाद से पाटीदार बीजेपी से नाराज बताए जा रहे हैं. गुजरात में कुल 15% पाटीदार हैं, इनमें से ज्यादातर स्वामीनारायण संप्रदाय से जुड़े हुए माने जाते हैं. स्वामीनारायण संप्रदाय के मौजूदा प्रमुख भी पटेल हैं. जानकारों के मुताबिक सिर्फ पटेल ही नहीं बल्कि स्वामीनारायण संप्रदाय को मानने वालो में पिछड़े वर्ग के लोग भी शामिल हैं.


क्यों खास है अक्षरधाम मंदिर?
गांधीनगर का अक्षरधाम मंदिर 1992 में बनकर तैयार हुआ था. अक्षरधाम मंदिर का निर्माण स्वामीनारायण संप्रदाय की बोचासनवासी अक्षर पुरुषोत्तम स्वामीनारायण ने करवाया था. स्वामीनारायण संप्रदाय की शुरूआत 1801 में गुजरात के आनंद के पास बोचासन गांव में हुई थी, जो पटेलों का गढ़ था. स्वामीनारायण संप्रदाय की संस्था के दुनियाभर में 3850 केंद्र हैं. दुनिया भर में स्वामीनारायण संप्रदाय के 1100 मंदिर हैं. दिल्ली और गांधीनगर के अक्षरधाम मंदिर भारत में सबसे बड़े और मशहूर माने जाते हैं.


अक्षरधाम मंदिर और मोदी का पुराना रिश्ता
अक्षरधाम मंदिर के स्वामी के मुताबिक प्रधानमंत्री मोदी इस मंदिर से इसके निर्माण के समय से जुड़े रहे हैं. अक्षरधाम मंदिर से जुड़े स्वामी अक्षर वत्सल महाराज ने बताया, ''जब मंदिर का निर्माण हो रहा था तब से मोदी जी उसको देख रहे हैं. उस वक्त वो किसी पद पर नहीं थे, फिर भी देखते रहे थे, उनको बहुत दिलचस्पी थी कि इसमें किसी तरह से जनभागीदारी है, तब से वो अक्षरधाम से एक भावना से जुड़े हुए हैं.'' पिछले साल जब स्वामीनारायण संप्रदाय के प्रमुख स्वामी का निधन हुआ था तब भी मोदी श्रद्धांजलि देने यहां पहुंचे थे और उन्होने कहा था कि स्वामी उनके पिता जैसे थे.


पलट सकता है पासा?
इस चुनाव में कांग्रेस जिस तरह से हार्दिक पटेल के जरिए पाटीदारों को अपनी तरफ खींचने की कोशिश कर रही है उसने बीजेपी की चिंता बढ़ा दी है लेकिन जानकारों का कहना है कि पाटीदारों की बड़ी संख्या अब भी बीजेपी के साथ हैं. एक्सपर्ट के मुताबिक एक छोटा सा तबका है जो हार्दिक के साथ है और हार्दिक भी अब कांग्रेस के साथ जा रहा है तो उसे लेकर भी पाटीदारों में मनमुटाव हो रहा है. हार्दिक पटेल को लेकर पाटीदारों के एक गुट का गुस्सा अब सामने आना शुरू हो गया है, ऐसे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अक्षरधाम दौरे के बाद पाटीदारों को लेकर गुजरात चुनाव का पासा एक बार फिर पलट सकता है