नई दिल्लीः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को आजादी के 100 साल पूरे होने से पहले देश को ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने का संकल्प जताया. उन्होंने कहा कि देश की प्रगति और आत्मनिर्भर भारत बनाने के लिए ऊर्जा क्षेत्र में आत्मनिर्भर होना जरूरी है.


प्रधानमंत्री मोदी ने लाल किले की प्राचीर से 75वें स्वतंत्रता दिवस पर राष्ट्र को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘देश की प्रगति और आत्मनिर्भर भारत बनाने के लिए ऊर्जा के क्षेत्र में स्वतंत्र होना अनिवार्य है.’’ मोदी ने कहा कि देश आज ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर नहीं है. ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने के लिये हर साल 12 लाख करोड़ रुपये से अधिक खर्च देश को करना पड़ता है.


आजादी के 100 साल से पहले ऊर्जा के मामले में आत्मनिर्भर बनने का संकल्प 
पीएम मोदी कहा, ‘‘ऊर्जा के मामले में स्वतंत्र होने के लिये भारत को ये संकल्प लेना होगा कि आजादी के 100 साल होने से पहले देश को ऊर्जा के मामले में आत्मनिर्भर बनाएंगे.’’ उल्लेखनीय है कि भारत अपनी जरूरत का करीब 80 प्रतिशत कच्चा तेल दूसरे देशों से आयात करता है. इससे देश को कच्चे तेल के आयात पर अच्छा खासी राशि खर्च करनी पड़ती है.


2022 तक 1,75,000 मेगावाट नवीकरणीय ऊर्जा का लक्ष्य 
प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि देश नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में तेजी से आगे बढ़ रहा है और इस क्षेत्र में स्थापित क्षमता एक लाख मेगावाट को पार कर गयी है. देश ने 2022 तक नवीकरणीय ऊर्जा की स्थापित क्षमता 1,75,000 मेगावाट पहुंचाने का महत्वकांक्षी लक्ष्य रखा है.


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