Bangalore-Mysore Expressway: कर्नाटक विधानसभा चुनाव (Karnataka Assembly Election) से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) रविवार (12 मार्च) को आईटी और स्टार्ट-अप हब बेंगलुरु और विरासत शहर मैसूरु को जोड़ने वाले एक्सप्रेसवे का उद्घाटन करेंगे. माना जा रहा है कि बेंगलुरु-मैसूर एक्सप्रेसवे (Bangalore-Mysore Expressway) कर्नाटक के विकास में अहम योगदान देगा और लोगों को इससे काफी सहूलियत मिलने वाली है. 


खुद केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी और पीएम मोदी का मानना है कि यह श्रीरंगपटना, कूर्ग, ऊटी और केरल जैसे क्षेत्रों तक पहुंच में सुधार करेगा. इतना ही नहीं इससे पर्यटन क्षमता में भी काफी बढ़ोतरी होगी. पीएम मोदी के एक्सप्रेसवे का उद्घाटन करने से पहले आपको एक्सप्रेसवे के बारे में कुछ जरूरी बातें पता होनी चाहिए. चलिए हम आपको बताते हैं इस एक्सप्रेसवे की क्या कुछ खासियत है और यह क्यों इतना खास माना जा रहा है. सबसे पहले तो यह लोगों का काफी ज्यादा समय बचाने वाला है. 


क्या हैं एक्सप्रेसवे की खासियत 



  • NH-275 पर 118 किलोमीटर का बेंगलुरु-मैसूर एक्सप्रेसवे एक दस लेन का एक्सेस-नियंत्रित राजमार्ग है. यह कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु और राज्य की सांस्कृतिक राजधानी मैसूरु के बीच यात्रा के समय को तीन घंटे से घटाकर 75-90 मिनट कर देगा. 

  • एक्सप्रेसवे में नौ बड़े पुल, 42 छोटे पुल, 64 अंडरपास, 11 ओवरपास और चार रेल ओवर ब्रिज हैं. राजमार्ग के साथ कस्बों में यातायात की भीड़ से बचने के लिए इसमें बिदादी, रामनगर-चन्नापटना, मद्दुर, मांड्या और श्रीरंगपटना के आसपास पांच बाईपास हैं. 

  • ऊटी, वायनाड, कोझिकोड, कूर्ग और कन्नूर जैसी जगहों पर विकेंट मनाने के लिए यह एक्सप्रेसवे यात्रा के समय को कम कर देगा. एक्सप्रेसवे न केवल कर्नाटक में बल्कि तमिलनाडु और केरल में भी पर्यटन को बढ़ावा देने की क्षमता रखता है. 

  • एक्सप्रेसवे पर कार/जीप/वैन के लिए टोल शुल्क सिंगल ट्रेवल के लिए 135 रुपये और एक दिन के अंदर ही वापसी करने पर 205 रुपये है. मासिक पास के लिए 4,525 रुपये प्रस्तावित किया गया था, जिसमें एक महीने में 50 यात्राएं शामिल होंगी. मैसूरु के सांसद प्रताप सिम्हा ने कहा है कि कारों सहित एलएमवी को बेंगलुरु से मैसूर तक की पूरी यात्रा के लिए 250 रुपये का टोल देना पड़ेगा. 

  • NHAI ने एक्सप्रेसवे पर दोपहिया वाहनों और धीमी गति से चलने वाले वाहनों को प्रतिबंधित करने की योजना बनाई है. NHAI के अधिकारियों ने कहा कि यह दुर्घटनाओं को रोकने के लिए है क्योंकि वे ज्यादा असुरक्षित हैं. 


एक्सप्रेसवे के निर्माण से जुड़ी बातें 



  • परियोजना की अनुमानित लागत- 8,066 करोड़ रुपये

  • एक्सप्रेसवे की लंबाई: 119 KM

  • एक्सप्रेसवे पर कुल लेन: 6 से 10

  • मंत्रालय: सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय

  • मॉडल: हाइब्रिड वार्षिकी मॉडल (HAM)


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