कोलकाता. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने गुरुवार को आरोप लगाया कि पिछले सप्ताह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी रैली में मतदाताओं को 'उकसाने' के लिए 2018 के आसनसोल दंगों का जिक्र किया. इसके साथ ही ममता ने कहा कि यह उनके जैसे कद के किसी व्यक्ति के लिए ‘अशोभनीय’ है. टीएमसी प्रमुख ममता ने कहा कि यह "शर्म की बात" है कि प्रधानमंत्री ने ऐसी "भड़काऊ’’ टिप्पणियों से लोगों को प्रभावित करने की कोशिश की.


"पीएम को ऐसा बयान शोभा नहीं देता"
ममता ने कहा, ‘‘आप, विभिन्न समुदायों के सदस्य, एक साथ सद्भाव में रह रहे हैं. पिछले दिनों प्रधानमंत्री ने आसनसोल का दौरा किया और कई आपत्तिजनक टिप्पणियां कीं. उन्होंने दंगों का मुद्दा उठाया और भड़काऊ बयान दिए. यह किसी प्रधानमंत्री या किसी गृह मंत्री को शोभा नहीं देता.’’ प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन के दौरान 2018 में रामनवमी के दौरान आसनसोल में हुए दंगों का जिक्र किया था और हिंसा के लिए परोक्ष रूप से तृणमूल पर दोषारोपण किया था.


ममता ने आगे कहा कि दंगों में अपने बेटे को खोने वाले स्थानीय मस्जिद के इमाम ने कहा था कि वह और खून-खराबा या मौत नहीं चाहते. उन्होंने कहा,‘‘ हमारे प्रधानमंत्री जो कहते हैं, इमाम के शब्द उसके विपरीत हैं.’’ उन्होंने कहा, ‘‘विभिन्न समुदायों के लोग यहां शांति से रहते हैं, लेकिन प्रधानमंत्री दंगों के मुद्दे को उठाते हैं." ममता ने दावा किया कि उन्हें "पता चला है कि प्रधानमंत्री द्वारा आसनसोल में अपनी रैली शुरू करने से कुछ मिनट पहले मंच से कवि काजी नजरूल इस्लाम की एक तस्वीर मंच से हटा दी गयी थी.’’ उन्होंने कहा कि मीडिया को इसकी पुष्टि करनी चाहिए. उन्होंने कहा, "कवि नजरुल इस्लाम बांग्लादेश के राष्ट्रीय कवि हैं लेकिन उनका जन्म बंगाल में, चुरुलिया गांव में हुआ था. हमने उनके नाम पर एक विश्वविद्यालय और अंडाल हवाई अड्डे का नाम रखा है. वह हमारे गौरव हैं."


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