India UNSC Permanent Seat: भारत की अध्यक्षता में जी-20 शिखर सम्मेलन के सफल आयोजन के साथ ही यूएनएससी (UNSC) में भारत की स्थायी सीट को लेकर चर्चा शुरू हो गई है. जी-20 के आयोजन और नई दिल्ली डिक्लेरेशन को सभी की सहमति से मंजूरी के बाद दुनिया के शीर्ष नेताओं ने भारत की तारीफ की.


पीएम मोदी और ब्राजील के राष्ट्रपति ने जहां यूएनएससी के विस्तार और सुधारों पर जोर दिया तो वहीं तुर्किए के राष्ट्रपति ने यूएनएससी में भारत की स्थायी सीट की वकालत की. अमेरिका के राष्ट्रपति ने भी स्थायी सीट को लेकर पीएम को आश्वासन दिया. 


पीएम मोदी ने किया यूएनएससी विस्तार का आह्वान


पीएम मोदी ने रविवार को जी-20 के समापन के मौके पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) के विस्तार और सभी वैश्विक संस्थाओं में सुधारों पर नए सिरे से जोर दिया था. उन्होंने कहा था कि ये जरूरी है कि दुनिया को बेहतर भविष्य की ओर ले जाने के लिए वैश्विक निकायों को आज की वास्तविकताओं को प्रतिबिंबित करना चाहिए. 


यूएनएससी के हैं पांच स्थायी सदस्य 


प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि जब संयुक्त राष्ट्र की स्थापना 51 सदस्यों के साथ हुई थी, तो दुनिया अलग थी और अब सदस्य देशों की संख्या लगभग 200 हो गई है. इसके बावजूद यूएनएससी में स्थाई सदस्य आज भी उतने ही हैं. तब से आज तक दुनिया काफी बदल चुकी है. बता दें कि, यूएनएससी के पांच स्थायी सदस्यों में अमेरिका, चीन, फ्रांस, ब्रिटेन और रूस शामिल हैं. 


तुर्किए के राष्ट्रपति ने दिया समर्थन


यूएनएससी में भारत की स्थायी सीट पर चर्चा के दौरान तुर्किए के राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगन का समर्थन भी मिला है. उन्होंने रविवार को कहा कि अगर भारत जैसा देश संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) का स्थायी सदस्य बनता है तो उनके देश को गर्व होगा. 


"दुनिया पांच से कहीं बड़ी है"


एर्दोआन ने कहा कि सभी गैर-पी5 सदस्यों को बारी-बारी से सुरक्षा परिषद का सदस्य बनने का अवसर मिलना चाहिए. सुरक्षा परिषद के पांच स्थायी सदस्यों के संदर्भ में तुर्किए के राष्ट्रपति ने कहा कि दुनिया पांच से कहीं बड़ी है. हमें गर्व होगा अगर भारत जैसा देश संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का स्थायी सदस्य बन जाए.  


जो बाइडेन का भी मिला साथ


जी-20 शिखर सम्मेलन से पहले शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ अपनी द्विपक्षीय बैठक के दौरान अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने स्थायी सदस्य के रूप में भारत को शामिल करने और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में सुधार के लिए अपने समर्थन की पुष्टि की. व्हाइट हाउस ने एक बयान में कहा कि अमेरिका ने 2028-29 में यूएनएससी की अस्थायी सीट के लिए भारत की उम्मीदवारी का स्वागत किया. 


व्हाइट हाउस ने कहा कि राष्ट्रपति बाइडेन ने संशोधित संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद और यूएनएससी के लिए भारत की उम्मीदवारी का स्वागत किया. भारत-अमेरिका संयुक्त बयान में कहा गया है कि प्रधानमंत्री मोदी 2024 में भारत की मेजबानी में होने वाले अगले क्वाड लीडर्स शिखर सम्मेलन में राष्ट्रपति जो बाइडेन का स्वागत करने के लिए उत्सुक हैं. अगली क्वाड बैठक भारत 2024 की शुरुआत में हो सकती है.  


ब्राजील के राष्ट्रपति ने भी की अपील


शिखर सम्मेलन के समापन सत्र में पीएम मोदी ने जी-20 की अध्यक्षता ब्राजील के राष्ट्रपति लुइज इनासियो लूला डी सिल्वा को सौंपी. इस दौरान लूला डी सिल्वा ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की भौगोलिक वास्तविकताओं को प्रतिबिंबित करने के लिए इसकी स्थायी सदस्यता में सुधार और विस्तार का भी आह्वान किया.


ब्राजील के राष्ट्रपति ने कहा कि यूएनएससी को राजनीतिक ताकत हासिल करने के लिए स्थायी और गैर-स्थायी सदस्यों के रूप में नए विकासशील देशों की जरूरत है, जबकि विश्व बैंक और अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) में उभरते देशों को अधिक प्रतिनिधित्व दिया जाना चाहिए.  


बीजेपी ने कांग्रेस पर बोला हमला


इन सबके बीच बीजेपी ने सोमवार को कांग्रेस पर हमला करते हुए आरोप लगाया कि पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की स्थायी सीट चीन को थाली में सजाकर दे दी थी. बीजेपी ने एक्स पर पोस्ट कर लिखा कि आज जब पीएम मोदी के नेतृत्व में भारत दुनिया को आकार दे रहा है और कई देश स्थायी यूएनएससी सीट के लिए भारत का समर्थन कर रहे हैं. ऐसे में गांधी परिवार के ये काम परेशान कर रहे हैं.


ये भी पढ़ें- 


Prajwal Revanna Disqualified: पूर्व पीएम एचडी देवेगौड़ा के पोते को राहत नहीं, HC का संसद सदस्यता रद्द करने पर रोक से इनकार