नई दिल्ली: दूसरी बार प्रधानमंत्री बनने के बाद से नरेंद्र मोदी अलग-अलग ग्रुप्स में सभी सांसदों से मिल रहे हैं. इस दौरान पीएम मोदी ने सबकी ज़िम्मेदारी भी तय कर दी है, इस चेतावनी के साथ कि कभी भी परीक्षा ली जा सकती है. सांसदों को पीएम मोदी नाश्ते पर बुलाते हैं. कुछ उनकी सुनते हैं और फिर अपने मन की सुनाते हैं. अब तक पांच ऐसी मीटिंग हो चुकी है. जबकि दो और बाक़ी हैं.

11 जुलाई को हुई बैठक रही दिलचस्प

पीएम नरेन्द्र मोदी और उन सांसदों की बैठक सबसे दिलचस्प रही, जो मंत्री रहे हैं. चाहे वे केन्द्र में मंत्री रहे हों या फिर राज्य सरकारों में. ये मीटिंग 11 जुलाई को हुई थी. पीएम मोदी की पिछली सरकार में जो मंत्री थे, लेकिन इस बार नहीं बनाए वे थोड़े असहज थे. मोदी ने कहा कि आपमें से कोई, कभी भी मंत्री बन सकता है. बैठक में उन्होंने बताया कि आप लोगों को संसदीय कमेटियों में जगह दी जाएगी. कमेटी में रहते हुए आपकी रिपोर्ट और आपकी सिफ़ारिशों को हम देखेंगे. मोदी ने कहा कि आपके अनुभव से हमें सरकार चलाने में मदद मिलेगी. पहले मंत्री रह चुके एक सांसद मोदी से पूछना चाहते थे कि इस बार उन्हें मौका क्यों नहीं मिला ? लेकिन उनकी बात मन में ही रह गई.

3 जुलाई को हुई थी पहली बैठक सबसे पहली मीटिंग 3 जुलाई को हुई. पीएम नरेन्द्र मोदी ने पिछड़ी बिरादरी के सांसदों के साथ नाश्ता किया. उनसे गप शप किया. लोकसभा चुनाव जीतकर आए नेताओं ने सबसे पहले अपना परिचय दिया. फिर मोदी ने बताया कि इस समाज की क्या दिक़्क़तें हैं और जन प्रतिनिधि के रूप में आप सबको क्या करना है. चुनाव प्रचार के दौरान मोदी खुद को भी पिछड़ी बिरादरी का ही बताते रहे थे. 4 जुलाई को मोदी ने दलित और आदिवासी समाज के सांसदों के साथ मीटिंग की. ये बैठक सबसे लंबी चली. हिंदी पट्टी के एमपी से उन्होंने कहा कि दलितों को पार्टी से जोड़े रखना बड़ी चुनौती है. उन्होंने अपने सांसदों से लगातार इनसे संवाद बनाए रखने को कहा. हर बैठक में मोदी इस बार टीचर की भूमिका में रहे. ये भी कहा कि वे बीच बीच में टेस्ट भी लेते रहेंगे. उन्होंने सांसदों से कहा कि जो भी इस मीटिंग की बात को गंभीरता से नहीं लेगा, उसे लेने के देने पड़ सकते हैं.

12 जुलाई को पीएम ने बीजेपी की महिला सांसदों के संग नाश्ता किया दस जुलाई को पीएम नरेन्द्र मोदी ने युवा और पहली बार चुन कर आए एमपी के साथ बैठक की. उन्हें संसदीय नियम क़ानून को समझने को कहा. मोदी ने कहा लोकसभा की बैठक से कोई ग़ैर हाज़िर न रहे. आप संसद में जो सवाल पूछेंगे, उसके आधार पर रिपोर्ट कार्ड बनेगी. मोदी ने कहा कि इसी रिपोर्ट के आधार पर सबका भविष्य तय होगा. 12 जुलाई को पीएम ने बीजेपी की महिला सांसदों के संग नाश्ता किया. उन्हें लडकी की शिक्षा से लेकर स्वास्थ्य जैसे मुद्दों पर काम करने को कहा. अपने अपने इलाक़ों में पद यात्रा करने की सलाह दी. पीएम मोदी जानते हैं कि एल के आडवाणी, सुषमा स्वराज और अरूण जेटली जैसे प्रखर सांसदों के न होने से उनकी ज़िम्मेदारियॉं बढ़ गई हैं. इसीलिए वे ख़ुद सबसे मिल कर, उन्हें समझ कर गुरू मंत्र दे रहे हैं. केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह, पार्टी के कार्यवाहक अध्यक्ष जेपी नड्डा और संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी भी इन बैठकों में शामिल हुए.

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