PM Modi Instructs To Ministers: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपने मंत्रियों में टीम भावना बढ़ाने पर जोर दिया है. उन्होंने सभी मंत्रियों को निर्देश दिया है कि वे एक टीम की भावना से काम करें. इसके साथ ही, एक दूसरे के मंत्रालय की जानकारी रखें. इसके अलावा, सभी मंत्री आवंटित बजट का भी पूरा इस्तेमाल करें और जरूरतमंदों तक सभी योजनाएं पहुंचाई जाए. पीएम मोदी ने निर्देश दिया है कि हर 6 हफ्ते में सभी मंत्री एक दूसरे के साथ मुलाकात करें ताकि आपस में समन्वय बना रहे.


पीएम मोदी का मंत्रियों को निर्देश


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने मंत्रिमंडल के सभी मंत्रियों के साथ कल देर शाम एक मैराथन बैठक की. क़रीब साढ़े तीन घण्टे चली बैठक पीएम मोदी की उस पहल का हिस्सा है जिसमें वो अक्सर अपने मंत्रिमंडल के सभी सहयोगियों के साथ विचार विमर्श करते रहते हैं. उत्तर प्रदेश समेत 4 राज्यों में मिली जीत के बाद पीएम की अपने सभी मंत्रियों से ये पहली बैठक थी. 


बुधवार को हुई इस बैठक में पांच विषयों पर सरकार के अलग अलग मंत्रालयों की ओर से प्रेजेंटेशन दिया गया. इनमें इस साल बजट से जुड़ी घोषणाएं और उनका क्रियान्वयन, कुछ छोटे कृत्यों को अपराध की श्रेणी से बाहर करने, अमृत सरोवर योजना के तहत हर जिले में 75 तालाब बनाने की पहल, क्षमता निर्माण और स्वायत्तशासी संस्थाओं में सुधार जैसे विषय शामिल थे.


6 हफ्ते में करें एक दूसरे से मुलाकात


सूत्रों के मुताबिक़ बजट से जुड़ी घोषणाओं को अमल में लाने के लिए पीएम मोदी ने सभी मंत्रियों से एक टीम की तरह काम करने का आह्वान किया. पीएम ने अपने सभी मंत्रियों को सलाह दिया कि उन्हें अपने मंत्रालय के अलावा दूसरे मंत्रालयों की नीतियों और गतिविधियों की जानकारी रखनी चाहिए. पीएम ने कहा कि बजट में सभी मंत्रालयों के लिए आवंटित बजट का पूरा इस्तेमाल होना चाहिए जिससे कि सरकार की योजनाओं का फ़ायदा हर ज़रूरतमंद को मिल सके. पीएम ने इस संदर्भ में सभी मंत्रियों को हर छह हफ़्ते पर एक दूसरे से मिलते जुलते रहने का भी सुझाव दिया. 


इसके अलावा पीएम ने सभी मंत्रियों से अपने अपने मंत्रालयों से जुड़े उन क़ानूनों की पहचान करने को कहा जिनकी प्रासंगिकता अब ख़त्म हो चुकी है. प्रधानमंत्री बनने के बाद से ही नरेंद्र मोदी लगातार ऐसे क़ानूनों को ख़त्म करने की पैरवी करते आए हैं जिनकी उपयोगिकता ख़त्म हो चुकी है. इसके अलावा कल की बैठक में अमृत सरोवर योजना और स्वयतशासी संस्थाओं में सुधार के मसले पर भी विस्तार से चर्चा हुई.


ये भी पढ़ें: Booster Dose: बूस्टर डोज के लिए नहीं करना होगा अब ज्यादा इंतजार, 9 महीने से घटाकर 6 महीने करने पर सरकार कर रही विचार