नई दिल्ली: पीएम मोदी आज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए विश्व भारती के दीक्षांत समारोह में शामिल हुए और संबोधित भी किया. पश्चिम बंगाल के राज्यपाल और विश्वभारती के रेक्टर जगदीप धनखड़, केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल ‘निशंक' और शिक्षा राज्य मंत्री संजय धोत्रे भी इस कार्यक्रम में मौजूद रहें. समारोह में कुल 2,535 छात्रों को डिग्री दी जाएगी.


दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा, 'गुरुदेव रबिन्द्रनाथ टैगोर ने जो अद्भुत धरोहर मां भारती को सौंपी हैं, उसका हिस्सा बनना, आप सभी साथियों से जुड़ना, मेरे लिए प्रेरक भी है और आनंददायक भी है.' विश्व भारती के छात्रों से पीएम मोदी ने कहा कि आप सिर्फ एक विश्वविद्यालय का ही हिस्सा नहीं हैं, बल्कि एक जीवंत परंपरा का हिस्सा भी हैं. गुरुदेव अगर विश्व भारती को सिर्फ एक यूनिवर्सिटी के रूप में देखना चाहते, तो वो इसे ग्लोबल यूनिवर्सिटी या कोई और नाम दे सकते थे, लेकिन उन्होंने इसे विश्व भारती विश्वविद्यालय नाम दिया. टैगोर ही भारतीयता का भाव विकसित करना चाहते थे.


"भारतीय संस्कृति के शीर्षस्थ लक्ष्य तक पहुंचने की कोशिश"
पीएम मोदी ने कहा, 'गुरुदेव टैगोर के लिए विश्व भारती सिर्फ ज्ञान देने वाली एक संस्था मात्र नहीं थी. ये एक प्रयास है भारतीय संस्कृति के शीर्षस्थ लक्ष्य तक पहुंचने का. आपका ज्ञान सिर्फ आपका नहीं, बल्कि समाज की, देश की हर एक भावी पीढ़ियों की भी वो धरोहर है. आपका ज्ञान आपकी स्किल एक समाज, एक राष्ट्र को गौरवान्वित भी कर सकती है. विश्व भारती तो अपने आप में ज्ञान का वो उन्मुक्त समंदर है, जिसकी नींव ही अनुभव आधारित शिक्षा के लिए रखी गयी थी. ज्ञान की कोई सीमा नहीं होती है, इसी सोच के साथ गुरुदेव ने इस महान विश्वविद्यालय की स्थापना की थी.'


पीएम मोदी ने आगे कहा, 'सफलता और असफलता हमारा वर्तमान और भविष्य तय नहीं करती. हो सकता है आपको किसी फैसले के बाद जैसा सोचा था वैसा परिणाम न मिले, लेकिन आपको फैसला लेने में डरना नहीं चाहिए.'


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