PIB Fact Check: हाल में फेक न्यूज चलाने वाले यूट्यूब चैनल्स पर केंद्र सरकार ने एक्शन लेते हुए उनको ब्लॉक कर दिया था. इसके बाद से यह खबर लगातार सामने आ रही है कि फर्जी पत्रकारों के खिलाफ पूरे देश में एफआईआर होगी. इसे लेकर न्यूज पेपर की कटिंग खूब ज्यादा सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है. चलिए आपको बताते हैं कि इस न्यूज में आधिर कितनी सच्चाई है. 


दरअसल, सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने बड़ी कार्रवाई करते हुए कई 6 यूट्यूब चैनलों को ब्लॉक कर दिया था, जिसमें कुल 20 लाख से ज्यादा सब्सक्राइबर्स थे. इसके बाद से फर्जी पत्रकारों के खिलाफ एफआईआर की खबरें सामने आईं. इसमें कहा गया कि गया कि सूचना एवं प्रसारण मंत्री ने वीडियो कॉन्फ्रेंस में कहा कि देशभर में जितने भी लोग प्रेस आईडी कार्ड लेकर घूम रहे हैं या फिर फर्जी चैनल चला रहे हैं. ऐसे लोगों की तत्काल जांच शुरू होगी. 






PIB ने बताया वायरल दावे का सच 


अब इस दावे को लेकर सरकारी एजेंसी पीआईबी (PIB) ने अपने फैक्ट चैक ट्विटर हैंडल से सच्चाई बताई है. उनका कहना है कि यह दावा फर्जी है. केंद्रीय मंत्री ने इस संबंध में ऐसा कोई बयान नहीं दिया है. PIB Fact Check ने इसे पूरी तरह से गलत दावा बताया है. पीआईबी फैक्ट चेक की एक संस्था है, जो सोशल मीडिया पर सरकार की स्कीमों से जुड़े वायरल, वीडियो और मैसेज की जांच करती है. पीआईबी फैक्ट चेक ने इस वायरल पोस्ट का भी सच बताया है.


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