नई दिल्ली: राजनेताओं, पत्रकारों व अन्य लोगों की फोन टैपिंग और जासूसी के मामले पर संसद में हंगामा जारी है. कांग्रेस ने इस मामले में संयुक्त संसदीय समिति से जांच करवाने और गृह मंत्री अमित शाह के इस्तीफे की मांग की है. फोन जासूसी कांड को लेकर अब संसदीय स्थायी समिति में गर्मागर्म बहस होने की संभावना है.


सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय से जुड़ी स्थायी समिति की 28 जुलाई को बैठक बुलाई गई है. बैठक में सूचना प्रौद्योगिकी, गृह और संचार मंत्रालय के अधिकारियों को तलब किया गया है. बैठक का एजेंडा 'नागरिकों की डेटा सुरक्षा और प्राइवेसी' रखा गया है. समिति से जुड़े सूत्रों के मुताबिक, बैठक में इजराइली सॉफ्टवेयर पेगासस का इस्तेमाल करके किए गए फोन जासूसी कांड के बारे में सवाल जवाब किए जाएंगे. 


इस समिति के अध्यक्ष और कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने दो दिनों पहले ही अपने अलग-अलग बयानों और ट्वीट के जरिए इस जासूसी कांड को लेकर सरकार से कई सवाल पूछे हैं. थरूर ने कहा कि सरकार अगर ये कहती है कि उसने जासूसी नहीं की तब तो एक स्वतंत्र जांच ये जानने के लिए बेहद जरूरी है कि आखिर किसने ये जासूसी की है. थरूर ने कहा कि पेगासस बनाने वाली कंपनी कहती है कि वो अपना सॉफ्टवेयर केवल सरकारों को भी बेचती है.


इसके पहले भी इसी संसदीय समिति ने इजरायली सॉफ्टवेयर के बारे में सरकार से सवाल पूछे थे. साल 2019 में व्हाट्सअप डेटा के लीक होने का खुलासा हुआ था और उस वक्त भी समिति ने सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के अधिकारियों को सवाल जवाब के लिए बुलाया था.


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