पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने लोकसभा में एक सवाल के लिखित जवाब में जो आंकड़े दिए हैं वो चौंकाने वाले हैं. आंकड़ों के मुताबिक सरकारी तेल कंपनियां लगातार मुनाफा कमा रही हैं.


लिखित जवाब में बताया गया है कि 2017-18 में सरकारी तेल कंपनियों ने कुल 69562 करोड़ रुपए का मुनाफा कमाया था. जबकि 2018-19 के दौरान इस मुनाफे में थोड़ी और बढ़ोत्तरी हुई और ये 69714 करोड़ रुपए तक पहुंच गया. हालांकि 2019-20 के दौरान इन कम्पनियों के मुनाफे में कमी दर्ज की गई है.


2019-20 में महज 1.97 लाख करोड़ रुपए की हुई कमाई


शुरुआती आंकड़ों के मुताबिक 2019-20 के दौरान तेल कंपनियों का मुनाफा 26941 करोड़ रुपया दर्ज किया गया है. हालांकि अंतिम आंकड़े में मुनाफा और बढ़ने की संभावना है. इन आंकड़ों में इंडियन ऑयल, हिंदुस्तान पेट्रोलियम और भारत पेट्रोलियम जैसी तेल वितरण कम्पनियों के अलावा ओएनजीसी, ओएनजीसी विदेश लिमिटेड, गेल और ऑयल इंडिया जैसी तेल उत्पादन करने वाली कम्पनियों का मुनाफा भी शामिल किया गया है.


एक अन्य सवाल के लिखित जवाब में धर्मेंद्र प्रधान ने बताया कि इस साल पेट्रोलियम पदार्थों पर लगने वाले एक्साइज टैक्स से सरकार को होने वाली कमाई में इज़ाफा हुआ है. वर्तमान वित्तीय वर्ष 2020-21 (पिछले साल अप्रैल से इस साल जनवरी तक) के दौरान सरकार को एक्साइज टैक्स से 3.01 लाख करोड़ रुपए की कमाई हुई है. 2019-20 के दौरान ये कमाई महज 1.97 लाख करोड़ रुपए हुई थी.


हालांकि एक तथ्य ये भी है कि नियम के मुताबिक पेट्रोलियम पदार्थों से केंद्र सरकार को एक्साइज टैक्स के जरिए होने वाली कमाई का 42 फीसदी हिस्सा राज्य सरकारों में ही बांटा जाता है.


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