Pervez Musharraf On Rahul Gandhi: पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति जनरल परवेज मुशर्रफ का 79 साल की उम्र में दुबई के एक अस्पताल में निधन हो गया. वह लंबे वक्त से हार्ट और किडनी की समस्या से परेशान थे. मुशर्रफ के निधन के बाद से उनके वीडियो और तस्वीरें वायरल हो रही हैं. इसी कड़ी में उनका वह वीडियो भी वायरल हो रहा है, जिसमें वह राहुल गांधी को भारत का प्रधानमंत्री बनने की इच्छा जता रहे हैं. 


जानकारी के मुताबिक, यह वीडियो 2019 लोकसभा चुनाव से पहले का है. भारत के लोकसभा चुनाव पर जब एक तमिल न्यूज चैनल ने उनका इंटरव्यू लिया था और उनसे उनकी उम्मीद जाननी चाही थी तो उन्होंने कहा था, "'मैं चाहता हूं कि लोकसभा चुनाव के बाद राहुल गांधी भारत के अगले प्रधानमंत्री बनें." अब उनका यह वीडियो बड़ी तेजी से वायरल हो रहा है. 


पीएम मोदी पर कही थी यह बात


राहुल गांधी को लेकर उन्होंने कहा था, "मुझे लगता है कि वह बहुत सज्जन व्यक्ति हैं." पीएम मोदी को लेकर उन्होंने कहा था, "वह अच्छे इंसान नहीं हैं और उनके कार्यकाल में भारत-पाकिस्तान की शांति नहीं हो सकती है." इस दौरान उन्होंने बताया था, "जब वह राष्ट्रपति थे और मां के बड़े भाई और बेटे के साथ भारत के दौरे पर आए थे, तब कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने उनके बेटे को चाय पर बुलाया था."


शशि थरूर के ट्वीट पर विवाद


वहीं, मुशर्रफ के निधन के बाद कांग्रेस नेता शशि थरूर के एक ट्वीट पर बवाल खड़ा हो गया है. थरूर ने मुशर्रफ को शांति के लिए असली ताकत बताया. इस पर बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने उन पर निशाना साधा है. शहजाद पूनावाला ने ट्वीट कर कहा, "परवेज मुशर्रफ, कारगिल का वास्तुकार, तानाशाह, जघन्य अपराधों का आरोपी, जिसने तालिबान और ओसामा को भाई और नायक माना, जिसने अपने ही शहीद सैनिकों के शवों को वापस लेने से इनकर कर दिया था, उसकी कांग्रेस की ओर से तारीफ की जा रही है. आश्चर्य हो रहा है? एक बार फिर कांग्रेस की पाक परस्ती."


 






महबूबा मुफ्ती ने भी जताया दुख


कांग्रेस नेता शशि थरूर के अलावा जम्मू-कश्मीर की पूर्व सीएम और पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने भी परवेज मुशर्रफ के निधन पर दुख व्यक्त किया. उन्होंने मुशर्रफ को शांति का मसीहा की तरह पेश किया और भारत सरकार पर ही सवाल खड़े किए. पीडीपी चीफ ने अपने ट्वीट में लिखा, "शायद एकमात्र पाकिस्तानी जनरल जिसने वास्तव में कश्मीर मुद्दे को संबोधित करने की कोशिश की. वह जम्मू-कश्मीर के लोगों की इच्छा के अनुसार और भारत और पाकिस्तान को स्वीकार्य समाधान चाहते थे. हालांकि भारत सरकार ने उनके और वाजपेयी जी द्वारा शुरू किए गए सभी सीबीएम को उलट दिया है, फिर भी संघर्षविराम बना हुआ है."


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