Parliament Winter Session 2023: लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही गुरुवार (21 दिसंबर) को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गई. यह शीतकालीन सत्र कई मायनों में खास रहा. संसद की सुरक्षा को लेकर सवाल उठे, रिकॉर्ड 146 विपक्षी सांसदों को निलंबित कर दिया गया. साथ ही सरकार ने कई अहम बिल को मंजूरी दिलाई. इसके अलावा सत्र में तृणमूल कांग्रेस (TMC) की महुआ मोइत्रा की संसद सदस्यता रद्द कर दी गई. बड़ी बातें-


1. लोकसभा में सदन की अवमानना करने को लेकर कांग्रेस के तीन सांसदों दीपक बैज, डीके सुरेश और नकुल नाथ को शीतकालीन सत्र के आखिरी दिन गुरुवार को निलंबित कर दिया गया. इसके साथ ही लोकसभा के निलंबित विपक्षी सदस्यों की संख्या 100 और राज्यसभा से विपक्षी सांसदों की संख्या 46 हो गई. ऐसे में दोनों सदनों को मिलाकर निलंबित सांसदों की संख्या 146 पर पहुंच गई. सबसे पहले गुरुवार (14 दिसंबर) को लोकसभा से 13 सांसदों, सोमवार (18 दिसंबर) को 33 सांसदों और मंगलवार (19 दिसंबर) को 49 सांसदों को निलंबित कर दिया गया था. इसके अलावा बुधवार (20 दिसंबर) भी को दो विपक्षी सदस्यों को निलंबित कर दिया गया था. यह अपने आप में एक रिकॉर्ड है, किसी एक सत्र में पहली बार इतने सांसदों का निलंबन हुआ है.


2. संसद का शीतकालीन सत्र चार दिसंबर को शुरू हुआ था. इसके तय कार्यक्रम के मुताबिक सत्र शुक्रवार (22 दिसंबर) तक चलना था. कार्यवाही स्थगित होने के बाद लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि इस सत्र में कार्य उत्पादकता करीब 74 प्रतिशत रही. उन्होंने कहा, ‘‘इस सत्र में 14 बैठकें हुईं, जो 61 घंटे 50 मिनट तक चलीं. इस दौरान 12 सरकारी विधेयक पेश किए गए.''


3. लोकसभा के शीतकालीन सत्र में भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) विधेयक, 2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) विधेयक, 2023 और भारतीय साक्ष्य (बीएस) विधेयक, 2023 को भी मंजूरी दी गई. ये तीनों विधेयक भारतीय दंड संहिता (आईपीसी), 1860, दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी),1898 और भारतीय साक्ष्य अधिनियम, 1872 के स्थान पर लाये गए हैं. साथ ही संसद के निचले सदन से केंद्रीय माल और सेवा कर (दूसरा संशोधन) विधेयक, 2023; दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी राज्यक्षेत्र विधि (विशेष उपबंध) दूसरा (संशोधन) विधेयक, 2023; दूरसंचार विधेयक, 2023 और कुछ अन्य विधेयकों को पास किया गया. 


4. राज्यसभा में भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) विधेयक, 2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) विधेयक, 2023, भारतीय साक्ष्य (बीएस) विधेयक, 2023,जम्‍मू-कश्‍मीर आरक्षण-संशोधन विधेयक 2023 और जम्‍मू-कश्‍मीर पुनर्गठन संशोधन विधेयक को इसी शीतकालीन सत्र में मंजूरी मिली. साथ ही राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली कानून (विशेष प्रावधान) दूसरा (संशोधन) अधिनियम, 2023 लोकसभा में संक्षिप्त चर्चा के बाद ध्वनिमत से पारित किया गया. इसके अलावा मुख्य निर्वाचन आयुक्त और अन्य आयुक्तों की नियुक्ति से जुड़ा विधेयक भी पास हुआ.  दोनों सदनों  (राज्यसभा औऱ लोकसभा) में इस दौरान कई विपक्षी सांसद मौजूद नहीं रहे क्योंकि उन्हें निलंबित कर दिया गया था. 


5. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने तीन आपराधिक कानूनों के स्थानों पर लाए गए विधेयकों को लेकर कहा कि संसद से पारित होने के बाद भारत के आपराधिक न्याय प्रक्रिया में एक नयी शुरुआत होगी जो पूर्णतया भारतीय होगी.  उन्होंने कहा, ‘‘इस नए कानून को ध्यान से पढ़ने पर पता चलेगा कि इसमें न्याय के भारतीय दर्शन को स्थान दिया गया है. हमारे संविधान निर्माताओं ने भी राजनीतिक न्याय, आर्थिक न्याय और सामाजिक न्याय को बरकरार रखने की गारंटी दी है. संविधान की यह गारंटी 140 करोड़ के देश को यह तीनों विधेयक देते हैं. ’’


6. लोकसभा और राज्यसभा में संसद की सुरक्षा में चूक को लेकर इस शीतकालीन सत्र में हंगामा हुआ. कांग्रेस सहित अन्य विपक्षी दलों ने मामले में सदन के भीतर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के बयान देने की मांग की तो सरकार ने पलटवार करते हुए कहा कि राजनीति की जा रही है. दरअसल, लोकसभा में 13 दिसंबर की दोपहर करीब एक बजे सागर शर्मा और मनोरंजन डी सांसदों की बैठने वाली जगह पर दर्शक दीर्घा से कूद गए. दोनों ने केन के माध्यम से धुंआ फैला दिया. इस दौरान ही नीलम और अमोल शिंदे ने संसद परिसर में प्रदर्शन किया और नारे लगाए. दोनों ने केन के माध्यम से धुंआ कर दिया. 


7. संसद की सुरक्षा में सेंध को लेकर विपक्षी सांसदों ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के बयान की मांग करते हुए तख्तियां दिखाई. इसके बाद नई संसद भवन के मकर द्वार पर निलंबित सांसदों ने विरोध प्रदर्शन किया. इसमें कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी और राहुल गांधी सहित कई लोग शामिल हुए. इस दौरान विपक्षी सांसदों ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार चर्चा से भाग रही है. 


8. विपक्षी सांसदों के विरोध प्रदर्शन में राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ की नकल करने का मामला सामने आया. टीएमसी सांसद कल्याण बनर्जी ने उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ की राज्यसभा की कार्यवाही का संचालने करने के तरीके की मिम्रिकी की थी. इसका वीडियो कांग्रेस नेता राहुल गांधी बना रहे थे. इसको लेकर सरकार ने विपक्ष को घेरते हुए कहा था कि उपराष्ट्रपति पद का अपमान हुआ है. हालांकि कल्याण बनर्जी ने मामले में सफाई देते हुए कहा कि वो धनखड़ की नकल नहीं कर रहे थे. 


9. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद की सुरक्षा के चूक के मामले को काफी गंभीर बताते हुए कहा कि जांच चल रही है. संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने बताया कि बीजेपी संसदीय दल की बैठक को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा, ''विपक्ष का यही आचरण रहा तो 2024 के लोकसभा चुनावों में उनकी संख्या और कम हो जाएगी.''


10. संसद के शीतकालीन सत्र की शुरुआत पैसे लेकर सदन में सवाल करने के मामले में टीएमसी नेता महुआ मोइत्रा की लोकसभा की सदस्यता रद्द करने से हुई थी. इसको लेकर विपक्षी दलों ने सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करते हुए कहा कि ये सब अडानी ग्रुप के मामले में चुप कराने के लिए किया जा रहा था. 


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