लोकसभा में मनरेगा से जुड़े बिल पर देर रात तक चर्चा के दौरान भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने कांग्रेस पर जोरदार हमला बोला. उन्होंने कहा कि रात एक बजे भी इस बिल पर चर्चा हो रही है, जो यह दिखाता है कि सरकार इस विषय को लेकर कितनी गंभीर है. दुबे ने आरोप लगाया कि जब भी वह बोलने के लिए खड़े होते हैं, कांग्रेस सांसद शोर मचाने लगते हैं और संविधान का नाम लेकर देश को गुमराह करते हैं.

Continues below advertisement

संविधान का हवाला देकर कांग्रेस पर निशानानिशिकांत दुबे ने कहा कि कांग्रेस संविधान की दुहाई देती है, लेकिन खुद संविधान की मूल भावना को नहीं समझती. उन्होंने आर्टिकल 51A और आर्टिकल 49 का हवाला देते हुए कहा कि संविधान के अनुसार राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति और राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के नाम पर किसी भी सरकारी योजना का नाम नहीं रखा जा सकता. उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस ने केवल भ्रष्टाचार और राजनीतिक फायदे के लिए महात्मा गांधी के नाम का इस्तेमाल किया.

मनरेगा में भ्रष्टाचार का आरोपभाजपा सांसद ने दावा किया कि कांग्रेस के कार्यकाल में मनरेगा में 50 प्रतिशत तक कमीशनखोरी होती थी. उन्होंने कहा कि लोकपाल की व्यवस्था होने से कांग्रेस के वे नेता, जो भ्रष्टाचार करके 'मोटे हो गए हैं', जवाबदेह बनेंगे. साथ ही उन्होंने कहा कि अब मिट्टी की माप तीन दिन के भीतर होगी और नियमों का पालन न होने पर भुगतान नहीं किया जाएगा.

Continues below advertisement

'हम संविधान बचा रहे हैं'- निशिकांत दुबेनिशिकांत दुबे ने कहा कि सरकार संविधान को बचाने का काम कर रही है, जबकि कांग्रेस ने आपातकाल लगाकर मीसा कानून लागू किया था. उन्होंने महात्मा गांधी के सत्य और अहिंसा के सिद्धांतों का उल्लेख करते हुए कहा कि भाजपा महात्मा गांधी के नाम को भ्रष्टाचार से बदनाम होने से बचा रही है.

अनुराग ठाकुर ने पीएम मोदी को दी बधाईकेंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने भी इस बिल का समर्थन करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बधाई दी. उन्होंने कहा कि विपक्ष यह सवाल उठा रहा है कि योजना का नाम बदला गया है, लेकिन भाजपा 'नामदार नहीं, कामदार' है और काम करने में विश्वास रखती है.

कांग्रेस के नामकरण पर सवालअनुराग ठाकुर ने कहा कि रोजगार गारंटी से जुड़ी योजनाएं 1980 से चल रही हैं. 1989 में कांग्रेस ने इसका नाम जवाहर रोजगार योजना रखा, तब महात्मा गांधी याद नहीं आए. 2005 में योजना का नाम केवल NREGA था और 2009 में चुनाव के समय महात्मा गांधी का नाम जोड़ा गया.

मोदी सरकार बनाम यूपीए सरकारअनुराग ठाकुर ने कहा कि यूपीए सरकार के समय गरीबों का पैसा खा लिया जाता था, जबकि मोदी सरकार ने जन-धन खातों के जरिए सीधे लाभार्थियों तक पैसा पहुंचाया. उन्होंने बताया कि कोविड काल में मोदी सरकार ने मनरेगा के लिए 1.11 लाख करोड़ रुपये का बजट दिया, जबकि यूपीए सरकार के समय बजट 30–40 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा नहीं हो पाता था और वह भी ठीक से खर्च नहीं हो पाता था.