पेट्रोल, डीजल और रसोई गैस की कीमतों में लगातार हो रही वृद्धि के मुद्दे पर सोमवार को राज्यसभा में तमाम विपक्षी दलों के सदस्यों ने जोरदार हंगामा किया. इसकी वजह से उच्च सदन की कार्यवाही दो बार के स्थगन के बाद दिनभर के लिए स्थगित कर दी गई. दो बार के स्थगन के बाद दोपहर दो बजे जैसे ही सदन की कार्यवाही शुरू हुई.


पीठासीन उपसभापति सस्मित पात्रा ने श्रम और रोजगार मंत्रालय के कामकाज पर हुई चर्चा का जवाब देने के लिए केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव का नाम पुकारा. इसी बीच, तृणमूल कांग्रेस के डेरेक ओब्रयान ने व्यवस्था का प्रश्न उठाते हुए कहा कि कई सदस्यों ने अलग-अलग मुद्दों पर नोटिस दिए हैं. उन्होंने कहा कि द्रविड़ मुनेत्र कषगम ने महंगाई के मुद्दे पर नोटिस दिया है जबकि कुछ अन्य सदस्यों ने पेट्रोल, डीजल और रसोई गैस की कीमतों में वृद्धि के मुद्दे पर नोटिस दिए हैं. उन्होंने महिला आरक्षण विधेयक का मुद्दा उठाते हुए कहा कि इसे नियम 138 के तहत सदन में पेश किया जाना चाहिए.


ब्रायन ने कहा कि सरकार महंगाई, पेट्रोल-डीजल व रसोई गैस की कीमतों पर चर्चा नहीं करना चाहती है. उन्होंने कहा कि कम से कम महिला आरक्षण संबंधी प्रस्ताव पर सरकार चर्चा करे. इसका जवाब देते हुए यादव ने कहा कि नियम 138 एक याचिका है और इसका सदन की कार्यवाही से कोई लेनादेना नहीं है.


पेट्रोल-डीजल की कीमतों पर चर्चा को लेकर हंगामा
इसके बाद विपक्षी सदस्यों ने हंगामा शुरू कर दिया. इस दौरान कुछ सदस्य आसन के निकट आकर नारेबाजी करने लगे. पात्रा ने हंगामा कर रहे सदस्यों से अपने स्थान पर लौट जाने का बार-बार अनुरोध किया. उन्होंने कहा कि जब तक सदन में व्यवस्था नहीं बनेगी, तब तक वह व्यवस्था का कोई प्रश्न स्वीकार नहीं कर सकते. द्रमुक के तिरुची शिवा ने व्यवस्था का प्रश्न उठाते हुए कहा कि उन्होंने नियम 267 के तहत नोटिस दिया कि पेट्रोल, डीजल और रसोई गैस की कीमतों में हो रही वृद्धि पर सदन में चर्चा हो लेकिन उस नोटिस को स्वीकार नहीं किया जा रहा है. इस पर पात्रा ने कहा कि चूंकि सभापति एम वेंकैया नायडू ने उनके नोटिस को अस्वीकार कर दिया है, लिहाजा उस बारे में चर्चा करने का कोई मतलब ही नहीं बनता.


हंगामे के बीच ही श्रम एवं रोजगार मंत्री यादव ने मंत्रालय के कामकाज पर हुई चर्चा का जवाब देना शुरू किया. इस दौरान विपक्षी सदस्यों ने हंगामा तेज कर दिया. इसी बीच, पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा भी अपने स्थान पर खड़े हो गए. वह कुछ बोलना चाह रहे थे लेकिन हंगामे के कारण वह अपनी बात नहीं रख सके. पात्रा ने हंगामा कर सदस्यों से अनुरोध किया कि पूर्व प्रधानमंत्री कुछ बोलना चाहते हैं इसलिए उन्हें बोलने का अवसर दिया जाना चाहिए. यादव ने भी हंगामा कर रहे विपक्षी सदस्यों से आग्रह किया कि वे देवगौड़ा को बोलने दें. लेकिन विपक्षी सदस्यों ने उनकी एक ना सुनी. हंगामा थमता नहीं देख, पात्रा ने करीब 02:10 बजे सदन की कार्यवाही दिनभर के लिए स्थगित कर दी.


ये भी पढ़ें - 


महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख का कंधा हुआ डिस्लोकेट, जेजे अस्पताल में होगी सर्जरी


पाकिस्तान-श्रीलंका में गहराया संकट, पीएम मोदी और विदेश मंत्री एस. जयशंकर की बैठक, पड़ोस के मौजूदा हालात पर चर्चा